बात उस मु’स्लि’म देश की जिसे पूरी दुनिया उनकी ऊँची ऊँची खुबसूरत इ’मा’रतों के लिए जानती है। यू’एई ने पूर्व वायुसेना पायलट ह’ज्जा अल मं’सूरी को रूसी अंतरिक्ष यान सोयुज एमएस- 15 से अंतराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर भेजा हैं। हज्जा अल मंसूरी के साथ अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री जेसिका मीर और रूसी कॉस्मोनोट ओलेग स्क्रिपोचका भी गए है। ओलेग स्क्रिपोचका तीसरी बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गए है।
जबकि बाकी दोनो यात्री पहली बार गए हैं। हज्जा अल मंसूरी ने अंतरिक्ष स्टेशन से इ’स्ला’म ध’र्म के प’वि’त्र स्थान मक्का के एक शानदार दृश्य को सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट किया ही। उन्होंने मस्जिद अल हरम की अपने आधिकारिक इंस्ट्राग्राम हैंडल @astro- hazzaa से बहुत ही खूबसूरत तस्वीर पोस्ट की हैं। कैप्शन के साथ उन्होंने लिखा कि “यही वो जगह है जो मुसलमानों के दिलो में रहती हैं।

आपको बता दे की पहले अरब के रूप मे इतिहास रचने वाले हज्जा अल मंसूरी को आठ दिवसीय मिशन के बाद पृथ्वी पर लौटने के लिए वो तैयार हैं। हज्जा ने जाने से पहले कहा कि अपने देश के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को नए आयाम पर ले जा रहा हूं। UAE पिछले दो सालों से इसकी तैयारी में लगी हुई थी। यह मिशन एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक हैं।
आपको बता दे , जहाँ एक और मिडिल ईस्ट में काफी समय से शीत वॉर चल रहा है वही दूसरी और सभी मु’स्लि’म देश लगातार दुनिया में तेजी से आगे बढ़ते हुए देखें जा सकते है। यूएई के अलावा स’ऊ’दी अरब भी अंतरिक्ष के अलावा बाकि दुनिया के लिए अपने द्वार जल्द ही खोलने वाला है। सऊदी अरब एक तरफ मु’स्लि’म देश होने का द’म भरता है तो वही दूसरी और वह मु’स्लि’म म’हि’ला’ओं को कई तरह से छू’ट देकर उन्हें आ’ज़ा’द करना चाहता है।
An incredible image of Mecca from the @Space_Station pic.twitter.com/9EIfpHOjYl
— Hazzaa AlMansoori (@astro_hazzaa) October 2, 2019
अरब अब धीरे धीरे यू’रो’प के नक़्शे कदम पर चलने की कोशिश में लगा है। वह चाहता है बाकि दुनिया के लोग उनके देश में आए और वह पर्यटको के लिए पूरी तरह से खुलने अपनी तैयारियों में लगा हुआ। हमारे कहने का मकसद यही है कि क्या अ’र’ब मु’ल्क अपनी राह से तो नहीं भ’ट’क रहे है। क्या उन्हें विकास के नाम अ’मे’रि’का और यू’रो’प ठ’ग’ने की कोशिश न’हीं कर रहा है ?

यह आपके लिए सिर्फ सवाल हो सकते है लेकिन इन पर काफी सो’च वि’चार की जरुरत है। जबकि यह देश मु’स्लि’म होने के बावजूद यू’रो’प के नक़्शे कदम पर चलने की पूरी कोशिश कर रहे है। आप सोच रहे होंगे कि हम लेख की शुरुआत यूएई से कर रहे है जबकि इसका अंत सऊ’दी अ’र’ब से। हमारे लिखने का तात्पर्य यही है कि मु’स्लि’म मु’ल्क अब यू’रो’प की रा’ह पर चलकर अपने आपको मि’टा’ने पर तु’ले है। आज ये देशों ने नाच गाना , बे’ह’या’ई अपने च’र’म पर है। ये सब इ’स्ला’म न’हीं बताता है।