ब्रिटिश उच्चायुक्त बन आयशा खान ने रचा इतिहास, भारत का किया नाम रोशन

बेटियां किसी से कम नही होती है। ये साबित कर दिया गोरखपुर की आय’शा ने जिस को एक दिन के लिए बनी ब्रि’टि’श’ उ’च्चा’यु’क्त बनाया था। आज हम आपको यही बताने जा रहे है कि आ’य’शा ने किस तरह से अपने सपनो की उड़ान भरी, आप भी ऐसा कर सकते है बशर्ते आयशा की ही तरह काम करने की कोशिश करें । आपको आ’य’शा की ये मो’टि’वे’श’नल story जरुर पढ़ना चाहिए और अपने घर, परिवार में सबको ये बताना चाहिए कि बे’टि’याँ बहुत क़ीमती होती है। अगर उनका साथ दिया जाए तो वो बहुत कुछ कर सकती है।

भारत की एक बेटी जिसने ब्रिटेन की एक दिन की उच्च’यु’क्त बनकर अं’त’रा’ष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा से गो’र’खपुर का मान बढ़ाने वाली जो एक मु’स्लि’म समुदाय से हैं। जिनका नाम आयशा खान है। गोरखपुर के शिवपुर शाहबजगंज में अभी खुशी का माहौल है। इनको बधाई देने वालो का घर पर तांता लगा हुआ है। इनकी अम्मी सीमा खान तो फुले नही समा रही है। सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि आयशा शुरू से ही मेधावी रही हैं।

वाद वि’वा’द प्र’ति’यो’गिता में उनको बचपन से ही इंटरेस्ट था। इनका शो’क था कि वो एक ऐसा काम करे जिनको की जमाना पहचान बना दे। गोरखपुर में वो का’र्मल की हा’इ’स्कू’ल की पढ़ाई के दौरान वो प्र’थम स्थान पर रही। एक दिन के लिए बनी ब्रि’टि’श उच्च’यु’क्त की मां ग्रहणी है। इनके पापा जु’नै’द अहमद खा’न पू’र्वाचल बैं’क जै’तपुर गो’र’ख’पुर ब्रां’च मै’ने’जर है।

आ’य’शा को इनके दादा और पापा शुरू से ही प्रोत्साहित करते रहे। इनकी बड़ी बहन जु’वे’रि’या जो डें’टि’स्ट है। जो की दुबई में है। का’र्म’स गर्ल्स स्कूल की पढ़ाई करने के बाद आ’य’शा ने सेंट जोन्स स्कूल खोराबार से ‘इं’ट’र’मी’डिएट की परीक्षा 94 फीसदी अंक से उत्तीण किया है। इसके बाद वो कम्युनिकेशन की पढ़ाई के लिए दिल्ली चली गई। इनकी माँ की इच्छा है कि आयशा आईएएस बने।

अभी वो अपनी पढ़ाई पूरी करने में लगी हुई हैं। आ’य’शा का कहना है कि उनके मा’ता पिता ने उनका बहुत ही स्पोर्ट किया है। उनका कहना है कि मेरे पेरेंट्स ने मुझे पड़ने लिखने का मौका दिया और उनको आ’जा’दी दी। सबसे ज्यादा स्पोर्ट उनके दादा ने किया। आयशा 4 अक्टूबर को ब्रिटिश की उच्च’यु’क्त एक दिन के लिए बनी थी।उन के लिए ये सपने जैसा ही था। वो बहुत ही खुश थी।

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