आयरिश रॉक स्टार ने अपनाया इ’स्ला’म ध’र्म, बोली- बु’र्का पहनना जरुरी क्योक़ि …

इ’स्लाम ध’र्म म’क्का से नि’कला और पूरी दुनिया में फै’ला और अभी भी लगातार इ’स्ला’म फ़ै’ल रहा है। आज हम आपको एक सुपरस्टार की कहानी बताएंगे जिसने ई’सा’ई ध’र्म को छोड़कर इ’स्ला’म ध’र्म अपनाया है। इस आइरिश रॉकस्टार का नाम सै’नि’ड ओ,कोनर है , इन्होंने इ’स्ला’म ध’र्म अपनाने के बाद अपना नाम शु”ह’दा डे’वि’ट रख लिया हैं। शु’ह’दा नाम अ’र’बी अर्थ ‘श’हिद’ या ‘ग’वाह’ हैं। Rte के द लेट शो में अपनी लाइव वापसी करते हुए कुछ ख़ुलासे किए।

52 वर्षीय गायिका ने हो’स्ट रया’न ट्यू’ब’र’डी से बातचीत दौरान कहा कि मैं अपनी धा’र्मि’क यात्रा के बारे में चर्चा करुँगी। रि’वर्ट का मतलब उन्होंने समझाया कि श’ब्द रि’वर्ट इस विचार को सं”द’र्भि’त करता है कि यदि आप कु’रा’न का अ’ध्य’य’न करते है ,तो आप महसूस करेंगे कि अपने पूरे जीवन मे आप एक मु’स्लि’म थे। आ’य’रि’श गायिका ने इंटरव्यू लेने वाले शख्श से कहा कि आपको इसका अहसा’स नही होगा , जो भी इ’स्ला’म ध’र्म अ’प’ना’ने के बाद मेरे साथ हुआ हैं।

उन्होंने आगे कहा कि मैं 52 साल की हूं एक बहुत ही अलग आयरलैंड में बड़ी हुई जो अब मौजूद है। उन्होंने कहा कि धा’र्मि’क रूप से बोलने वाला यह देश बहुत शो’षित था। इ’स्ला’म ध’र्म को स्वीकार करने वाली आ’इ’रि’श ले’डी का कहना हैं कि मैंने सभी प्रकार के ध’र्मो को जाना ,उन्हें पढ़ा और सभी ध’र्म ग्रं’थो का अ’ध्य्यन किया है। उन्होंने आगे कहा कि मैं भ’ग’वा’न के बारे में स’त्य खोजने की कोशिश कर रही थी। मैंने कभी नही सोचा था कि में एक ध’र्म में शामिल होगी।

लेकिन मैंने इ’स्ला’म को छोड़ दिया क्योंकि मैंने इ’स्ला’म के बारे में बहुत पू’र्वा’ग्र’ह किया था। लेकिन तब मैंने पढ़ना शुरू किया और मैंने कु’रा’न श’री’फ के सिर्फ दो ही अध्याय पढ़े। फिर मुझे एहसास हुआ कि में सही अब रास्ते पर हूँ ,मुझे जिसकी तलाश थी वो जगह अब मिल चुकी थी। मैं अपने पूरे जीवन मे एक मु’स’ल’मा’न थी और इसे महसूस नही किया। हि’जा’ब पहनने के अपने फैसले के बारे में ‘ट्यू’बी’डी को समझाते हुए सि’ने’ड ने कहा” मै इसे पहनकर अच्छा महसूस करती हूँ।

और तब इसे पहनती हूं। उन्होंने आगे कहा कि हर बार ऐसा करना है ऐसा जरुरी नहीं , कोई जबरदस्ती नहीं है , इस तरह का कोई नि’य’म न’ही हैं। वह आगे कहती है कि मैं खुद को इ’स्ला’म के मौजूद सू’फि’ज़म के साथ जुड़ना प’संद करुँगी। सिनेड बड़े ही गर्व से आगे कहती है कि मेरी उम्र हि’जाब प’हनने की न’ही है फिर भी मैं इसे पहनती हूं क्योंकि ये मुझे पसंद हैं। और यही इ’स्ला’म की खूब’सू’र’ती भी है।

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