कहते है कि दोस्ती में प्यार और सच्चाई है तो कि मुश्किल काम भी बहुत ही ज्यादा आसान भी हो जाते है।एक दोस्तदूसरे दोस्त के हर मुश्किल वक्त में भी कम आते है। किसी भी रिश्ते की खूबसूरती एक दूसरे की बात को बर्दाश्त करने बहुत ही ज्यादा जरूरी होते है।
बेबाक इंसान त’ला’श मत करो वरना अकेले रह ही जाओगे। जब इंसान की अक्ल मुकम्मल हो जाती है यो उसको बात मुख्तसर भी हो जाती है। ईमान और हया दो ऐसे परिंदे होते है कि अगर अनमे से उड़ जाए तोदूसरा खुद ही उ’ड़ जाता है। हजरत अली रजिअ’ल्लान्हा अन्हा ने फरमाया है

कि उसकी दोस्ती पर एतबारन करे जो अपने वादे को पूरा नही करता हो। यह दुनिया एक वक्त तक रहेगी और आख़िरत हमेशा तक चलेगा। माफ करना सबसे ज्यादा उसे जब देताहै जो सजादेने पर भीकादिर हो। जिसकी उम्मीद अ’ल्ला’ह केसाथ हो वह कभी नाकाम नही होता है।
उन्हीने आगे बताया है कि नाकाम वह इंसा’न होताहै जो जिसकी उम्मीदें दुनिया वालो के साथ हो। हजरत अली रजि’अल्ला’न्हा अ’न्हा से किसी आदमी ने पूछा कि मैं बहुत ही कोशिश करता हूं कि सुबह की न’मा’ज ‘पड़ो मगर उठ ही नह पता हूँ।

हजरत अली रजिअल्लान्हा अन्हा ने फरमाणा कि यह नींद की वजह से नह बल्कि तुम जो सारे दिन में गुनाह करते हो वह तुम्हारे ग’र्दन में, हा’थों में हथक’ड़ी और पाव में बेड़ि’यों को बांध’कर तुम्हे उठने भी नही देते है।