हर साल देश में पद्म श्री, पद्म विभूषण से देश की जानी मानी हस्ती को दिया जाता है। हर साल कि तरह इस साल भी 102 लोगो को पद्म श्री अवार्ड से नवाजा गया है उन्ही में से मुस्लिम समाज से ताल्लुक रखने वाले अली मनफिकान भी शामिल है। अली मनफिकांन सिर्फ 7 वी कक्षा तक पड़े लिखे है। लेकिन उन्होंने आज अपना नाम इतने बड़े जाने मैने अवार्ड में शामिल कर लिया है।
जिसको देखकर और सुनकर उनको कहानी से सभी लोग इंस्पायर भी हो रहे है। अली जी 14 भाषाओं को जानते है। मरीन रिसर्च से लेकर एग्रीकल्चर सेक्टर तक उन्होंने काम भी किया है। अली वर्तमान में केरल के ओलावना शहर में एक किराए के मकान में रहते है। जबकि उनकी जिंदगी का बहुत बड़ा हिस्सा मिनिकाय आयरलैंड पर बिता है।

अली ने मीडिया से बात करते हुए कहा जब मैं 9 साल का था, तब घरवालों ने पड़ने के लिए केरल के कन्नोर ने भेज दिया था। वहा पर मेरे पिताजी के कई जानने वाले रहते थे। साल 1956 में अली 6 महीने के लिए कोलकाता चले गए कोलकाता मै रहने के लिए मुझे अलग अलग तरह को किताबे भी मिली। जब वहा से लौटकर आया तो कई भाषाओं कि किताबे अपने साथ आ ईलैंड ले आय।
इन्हीं किताबो में अली के पास हिंदी, English, मलयालम, लैटिन , फ्रेंच, रशियन, जर्मनी, सिंहली, पार्शियन, संस्कृत, तमिल और उर्दू सीखी।आइलैंड पर रहते हुए अली ने मछलियों को जानने में भी उत्सुकता रखी।

इसी का नतीजा रहा कि अली को 1960 में सेंट्रल मरीन फिश्रिज रिसर्च इंस्टीट्यूट में बतौर लेब अटेंडेंट काम किया । 1980 में अली ने वहा से रिटायरमेंट के लिया। अली ने बताया कि को एक काम को सीखते है और काम करते है और बाद में उसको छोड़ देते है। ऐसे तरह उन्होंने कई तरह के काम को भी सीखा।