भारत में आज जिस ऐथलीट की सबसे ज्यादा बात हो रही है वह नाम है हिमा दास। दास ने 20 दिन के अंदर देश को कई गौरव पूर्ण क्षण दिए है । देश उन्हें भारत की गोल्डन बेटी भी कह रहा है। उन्होंने प्रतियोगिता में भाग लेकर पांच गोल्ड मेडल जीतकर अपने देश और अपने माता पिता का नाम रोशन किया है। उन्होंने अपनी जीत हासिल करके दिखाया है कि भारत भी दुनिया में अलग मुकाम पा सकता है। हिमा दास की ही तरह एक ओर बेटी ने देश का मान अंतराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाया है।
भारत की एक और बेटी जो दिल्ली के मुस्तफाबाद में रहने वाली है , नाम है आयशा । आयशा ने एशियन कॉन्टिनेंटल रोप स्किपिंग चैम्पियन में 2 गोल्ड और 1 सिल्वर जीतकर देश को एक बार गौरवशाली क्षण दिया है। आयशा दिल्ही के सर्वोदय कन्या विद्यालय में पढ़ाई करती है। इनके पिता का नाम शमीम अहमद है , जो टेलर का कार्य करते है। आयशा की इस उपलब्धि से उनके माता पिता दोनों खुश है। कहते है न , कोई भी काम बड़ा नही होता है बस मेहनत की जरूरत होती है इसीलिए इनका परिवार आज उनकी बेटी पर गर्व कर रहा है।

आयशा का कहना है कि वो अपने देश के लिए कुछ काम करना चाहती है जिससे सब आयशा का नाम जान सके आयशा के घर मे उनकी माँ रिहाना और चार बहने और एक भाई है। उनकी बहन की शादी हो चुकी है। आयशा के तीन बहन एक भाई है ,वह सबसे छोटी है। आयशा ने कहा कि उनकी माँ ने उनका सब से ज्यादा सपोर्ट किया है जो कि हर माँ का फर्ज होता है। उनकी माँ ने अपना फर्ज निभाया है।
घर की परि स्थितिया को देखते हुए वो कहती है कि अपनी छोटी बहनों को डॉक्टर बनाना चाहती है। आयशा ने कहा कि खेल के साथ साथ अपनी पढ़ाई पर भी फोकस करूंगी। आयशा सबसे पहले अपने पापा का सपना पूरा करेगी। उन्हें अपने कोच की तरह खिलाड़ी बनकर बताना है। आयशा और हिमा दास ने अपनी खेल प्रतियोगिता में देश को अलग तरह से कामयाबी हासिल करके बताया है।
हिमा दास 18 वर्ष की है जिन्होंने अपना मकाम विश्व स्तर पर जीतकर बनाया है। हिमा दास ट्रेक स्पर्धा में विश्व स्तर पर गोल्ड मेडल जीतने वाली पहलीभारतीय खिलाड़ी है। कोई भी भारतीय महिला ने आज तक गोल्ड मैडल नही जीता है। असम की रहने वाली हिमा दास ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि विश्व जूनियर चैम्पियन में स्वर्ण पदक जीतकर वो बहुत ज्यादा खुश है।

वो कहना चाहती है कि जिन्होंने उनका हौसला बढ़ाया और उनको इतने ऊंचे मुकाम पर पहुचाया है वो धन्यवाद देना चाहती है। हिमा दास ने भाला फेंक के फेमस खि ला ड़ी नीरज चोपड़ा के साथ ख़ास क्लब में शामिल हो गई है। बता दे कि 2016 में पिछ ली प्रति योगिता में विश्व रिकॉर्ड के कठिन परिक्षम के बाद गोल्ड मैडल जीता था। विश्व जूनियर में सिमा पुनिया और नवजीत कोर ने चक्का फ्रेंच में 2012 में गोल्ड मैडल जीत था।