इज’राइ’ल में बीते दिन ही चुनाव मतदान हुए है। इसमें इ’जरा’इल के प्रधान’मंत्री ने म’तदान होने के बाद बेंजामिन नेतन्य’ह ने अपनी बड़ी जीत का दावा भी किया है। ईरा’न के साथ लगातार खरा’ब होते रिश्ते और नेत’न्याहू के खि’ला’फ वि’रो’ध प्रद’र्शनों को देखते हुए पूरी दुनि’या की नि’गाह इ’जरा’यल के चुनाव पर टिकी हुई है।
इसराइल नेतन्याहू पार्टी ने 59 सीट जीती है जबकि बहुमत का आंकड़ा 61 है। विपक्ष ने 56 सीट जीती है जबकि इस्लामिक पार्टी ने 5 सीट जीती है। अब इसराइल में किसकी सरकार बनेगी ये 5 सीट जीतने वाली इ’स्लामिक पार्टी पर ही निर्भर है। भारत के लिए भी इज’राइल के चु’नाव महत्व’पूर्ण भी माना जा रहा है

क्योकि पी’एम नेत’न्याहू ने अपने का’र्यकाल में इज’राइ’ल के साथ रिश्ते काफी मजबूत भी हुए है।चुनाव के सर्वे’क्षणों में कहा जा रहा था कि लिकु’ड सबसे ब’ड़ी पार्टी बन’कर सामने भी आएगी और चुनाव नती’जों में दक्षि’ण’पं’थी पार्टियां अपना दब’दबा भी बनाएगा।
नेतन्याहू की पार्टी के खिला’फ़ ते’लेम और ऐश कई पार्टियां चुनाव मैदान में भी है । इज’रा’इल के इतिहा’ज़ में कोई भी पार्टी ने आज तक पूर्ण बहुमत से सरकार नही बनाई है।इजरा’इल की संसद को ने’सेट कहा जाता है जो प्राचीन हि’ब्रू शब्द भी है। जो यहू’दी पर’मपद के अनुसार 120 ऋषियों और पेगम्ब’रों की एक विधनसभा सीट है।

नेसे’ट के स’दस्य का का’र्यकाल 4 साल का होताहै। इसी के जरिये इजरा’इल के प्रधानमं’त्री और राष्ट्र’पति का चु’नाव भी होता है।नेसेट में इजरा’इल के का’नून भी बनता है। इसमें कुल 120 सदस्य होते है ।
यहां मतदा’न करने की उम्र न्यूनत’म 18 साल है। इ’ज’राइल की संसद नेसेट का चुनाव आनि’पतिक मतदा’न प्र’णाली के आधार पर होता है ।जिसमे मतदाता को बैलेट पेपर पर प्रत्याशी की जगह पार्टी को मतदान करने होता है ।

पार्टियों को मिले मत प्रतिशत के अनुपात में उन्हें संसद की सीटें आवंटित कर दी जाती है । यह पूरी प्रकिर्या 28 दिनों के अंदर पूरी कर ली जाती है। अगर किसी पार्टी को 10 फीसदी वोट मिलता है तो उसे संसद की कुल 120 सीटों का 10 फीसदी यानी 12 सीट दी जाती है।