हम खरा’ब हुई सब्जियों को हम फेक देते है रोजाना , हर दिन मंडियों में टनो से सब्जिया खराब हो जाती है। जिसको फे’क दिया जाता है। हैदराबाद में एक ऐसी मं’डी भी है जहां पर ख’रा’ब हुई स’ब्जियों से बि’जली बनाई जाती है। इस मं’डी में रोजाना 10 टन कचरा फेक दिया जाता था लेकिन अब इससे 500 यूनिट बिज’ली बनाई जाती है।
हैदराबाद के बा’हरी इला’के में सिकंराबाद में एक विशाल सब्जी मंडी है बोवनपल्ली। यह मंडी लगभग 55साल पुरानी है। लेकिन कोरो’ना वा’यर’स के दौरान भी इस मं’डी को ब’न्द न’हीं कि’या गया था। लोग वहा पर आते जाते रहते थे । जिसकी वजह से यहां के दुका’नदारों को जा’गरूक होना भी जरूरी था। अब यही जा’गरू’कता एक खो’ज भी बन गई है।पहले टनों सब्जिया कच’रे के ढे’र में फे’क दी जाती थी। हैदराबाद में स्थित IICT ने इस पर काम करना भी शुरू कर दिया है।

इसका पेमेंट भी लिया जा चुका है। इंजीि’यरिंग सेवि’सेज प्रा’इवेट लिमिटेड इसपर काम भी कर रहा है।सब्जियों से खा’द बनना तो आसान होता है लेकिन बिजली बनाना थोड़ा जटि’ल प्रकिया है। इस प्रो’सेस के तहत सब्जि’यों को क’चरे के पहले कनवे’यर पर रखा जाता है। ये कच’रे को बा’रीक ढे’र में ब’दल दिया जाता है।, जो इस तरह का घोल बना जाता है।
इसके बाद इस घोल को बड़े ग’ड्डे में दलदिया जाता है जिससे जै’व इ’धन बन जाए। बता दे की इस एधन में कार्बन डाई ऑक्साइड और मीथेन गेस होती है जिससे बिजली बनती है।विज्ञान प्रसार पत्रिका के मुताबिक अब तक1400 टन सब्जियों को इस तरह से बिजली में बदला जा चुका है। इसके साथ ही 700 ग्राम खाद भी तेयार हुई है जो खेती के लिए काम में लाई जा सकती है।

इस मंडी का जिक्र प्रधान’मंत्री न’रेंद्र मो’दी ने मन कि बात मै जिक्र भी किया है। इस मंडी से कई मंडि’यों ने विचार भी बनाया है । उन्होंने इसकी तुलना क’चरिज कं’चन बनाने मै कर डा’ली थी। इधर वैज्ञानिकों को कहना है कि इस प्रयोग से कृषि बा’जार समिति के बिजली के बिल में करीब 1.5 लाख रुपए कि कमी भी हुई है।’