अ’फगा’निस्तान के जिक्र आमतौर पर तालि’बा’न, यु’द्ध से तबा’ह श’हरो और ग’रीबो को ध्या’न में रखकर भी किया जाता है। हा’लांकि इस देश के पास ऐसा ख’जा’ना छुपा हुआ है जो आने वाले वक्त में पूरी दु’निया को अपनी और आ’क’र्षित भी कर सकता है।
बता दे कि दुनियाभर के समुद्रों से म’छ्ली की चो’री करने वाला चीन अब अ’फगा’निस्ता’न की अकूत ख’निज जो अफ’गानि’स्तान के लिए ख’जाने से भी बढ़’कर हो गया है। उस पर अब ची’न की न’जर भी पड़ गई है। जिस खाजने की बदौलत आज अफ’गानि’स्तान बहुत ब’ड़ी वैश्वि’क ता’कत भी बन सकता था

अब उस ख’जाने को लूट’ने की फिरा’क में चीन भी लगा हुआ है।इन सब खनि’जो की वजह से अफगा’निस्ता’न को लिथि’यम की मांग को सऊ’दी अर’ब भी कहा जाता है। लिथि’तम का प्रयोग लेप’टॉप, और मोबा’इल की बैट’री के लिए किया जाता है
बता दे कि ची’न ने अफ’गानि’स्तान की तरफ देखना भी शुरू कर दिया है। उस खजाने को हासिल करने के लिए चीन ने रीब 62 अरब डॉलर की बेल्ट एन्ड रॉड परियो’जना के तहत अफ’गानिस्ता’न तक सीपी’सी यानी कि ची’न पा’किस्तान कोरो’डोर का विस्ता’र करने की को’शिश का’फी ज्या’दा ते’ज भी कर दी है।

एक रिपोर्ट के मु’ताबिक अफगा’नि’स्तान में एक ट्रिलि’यन डॉलर के संसा’धन भी है। लेकिन हर साल सरकाए को खनन से 30 करोड़ डॉलर के रा’जस का नुक’सा’न भी होता है। इन सब वजहों से खन’न का देश सक’ल घरे’लू उत्पा’द में केवल 7 से 10 फीसदी का यो’गदान भी दिया है