आज के इस दौर में हर क्षेत्र में मु’स्लिम महिलाओं ने भी बाजी मारी है। जिस तरह से उनको समाज मे हर तरह की ख्यालों से देखा जाता था आज उन्ही महिलाओं ने अपनी पहचान और अपने ज’ज्बे को काम’याबी करते हुए अपने नाम को इ’तिहास में दर्ज किया है।
भारत के एक शहर हैद’राबाद में इन मुस्लिम महिलाओं ने अपने खुद का एक क्लिनिक भी ओपन किया है। इस क्लिनि’क में पिछले साल कोरोना महामारी में 25,000 रोगि’यों की सेवा भी की गई है।इस कार्यक्रम में गरीब महिलाओं को छुटकारा पाने के लिए ऐसा किया गया है।बता दे कि इन महिलाओं ने क्लिनिक से जुड़ी परा’मर्श के लिए गोलो’यो और अन्य खर्चो में करीब डेढ़ करोड़ रूपए की बचत की है।

हालांकि राजेंद्रनगर मंडल में म’स्जिद के मोहम्मद मुस्तुफा क्लि’निक खासतौर से महि’लाओं रो’गियों का मु’फ्त इलाज भी करता है। यह स्टाफ सभी महिलाओं से भी बना हुआ ह। जिसमे न’र्स, डॉ’क्टर, पेरा’मोडिक्स भी शामिल है। इस क्लि’निक में रोजाना 200 महिलाए भी आती है।
राजेंनगर मंडल में क्लिनिक 30 मलिन बस्तियों मव रहने वाली महिलाओं और लड़कियों को यह क्लिनिक भी कई तरह की स्वास्थ्य देख’भल भी प्रदन करता है।एक साल के आखिर में जब किए गए सर्वेक्षण के विश्लेषण मुताबिक पता चला है कि पुरानी बी’मा’री के 75% रो’गियों ने अनाव’श्यक उप’चार, डॉ’क्टर की ‘खरी’दा’री और झो’ला’झाप डॉ’क्टरों से पेहेज भी किया गया है।’

बता दे कि इस क्लि’निल को अमेरि’का की एक गैर स’रका’री संगठ’न और SEED, क्लि’निक चलाने वाले अमेरि’का के एक NRI का भी सम’र्थन प्राप्त है। यह स्था’नीय समुदा’य के लिए एक अद्वि’तीय स्वा’स्थ्य कार्य’क्रम शुरू करने वाला अपनी तरह का पहला क्लि’निक था।