को’रो’ना महा’मा’री के दौर में सोशल मीडिया पर हर रोज हि’न्दू मुसल’मान का चर्चा करने वालो की कमी नही है लेकिम केरल के पल्लकड जिले से जो खबर सामने आई है वह किस मिसाल से भी कम नही है। कोरोना काल मे डॉ’क्टर्स के भगवान के रूप वाले बनकर सामने आने के ऐसे कई किस्से है।
लेकिन यह कि’स्सा थोड़ा अलग है। केरल के पल’क्कड़ जिले के एक अ’स्प’ताल से म’र’ने से पहले एक हिन्दू म’हिला डॉक्टर का मुस्कि’म मरी’ज को कल’मा पढ़ाने वाली इस डा’क्टर का दुबई में जमकर तारी’फ हो रही है। 37 वर्षीय रेखा कृष्णनन दुबई में ही पली बढ़ी ह।इला’ज करने वाली इस महिला डॉ’क्टर ने इला’ज के 17 दिनों बाद अपने म’री’ज को वें’टिले’टर से ह’टा दिया था

जबकि उसके अं’गों ने एक एक करने काम करना भी बं’द कर दिया था।रेखा ने आगे बताया है कि मैं उसे पीड़ित देख सकती थी लेकिन एक डॉक्टर के रूप में जब उसके सभी अंग काम करना बं’द कर दे। मैं कुछ भी नही कर सकती। डॉ रेखा ने कहा कि उन्है वेंटि’लेटर से ह’टा’ने के बाद मैं उ’नके द’र्द को क’म करने के लिए उनके पास गई और कान में क’लमा भी पड़ा।
उन्होंने आगे कहा कि इसके पीछे मेरी को’ई यो’जना नही थी यह मेरा कर्तव्य था। यह ध’र्म के बारे में नही बल्कि एक मानवता की निशानी है। उन्होंने आगे कहा कि यह एक पल में हुआ है। शा’यद यह मेरी दुब’ई के परव’रिश की वजह से हुआ है।

डॉ रेखा ने आगे बता’या’ है कि जब मैं दु’बई में बड़ी हुई तो मुझे इस्ला’म ध’र्म के बारे में पता चला था। जब वो 2 महीने की थी तब उनके पि’ता दुबई चले गए थे। आगे कहा कि मेरे माता पि’ता ने मुझे हर धर्म का सम्मा’न करने के बारे में सिखा’या है।