इंसान बस अपनी और से पहल भी कर सकता है लेकिन उसे कोशिश करना जरूर होता है। किसी भी बदलाव की और पहला कदम करना ही कोशिश है। अगर हम कोशिश करते है तो बदलाव जरूर होता है। साल 2002 की बात है जब मैंगलोर के सेंट एलॉयसिस स्कूल के चारो
और क्लासमेट्स से मिलकर एक कपड़ो का बैंक भी खोला गया था यह बैंक उन्होंने गरीब लोगों के लिए ही खोला था।इसमे बाकी स्कूल के बच्चे भी अपने घरों से पुराने कपड़े लाकर उन्हें ही देते थे।फिर यह चारो उन्हें जोड़ते और जरूरतमंदों को भी देते थे।

इस काम को यह पहले फ्री में ही किया करते थे। इसके बाद उन्होंने आप के करियर में फोकस करना भी शुरू कर दिया।टीओ आई कि रिपोर्ट के मुताबिक बता दे कि फिर यह चारो दोस्त एकसाथ भी जुड़े और उन्होंने इस नेक काम को बड़े स्तर पर करना भी शुरू कर दिया।
इसमे विनोद प्रेम, मेलिश नोरोन्हा, नितिन कुमार,विग्नेश ने मिलकर इमेजिन क्लॉथ बैंक भी खोला। यह बैंक उन्होंने बेंगलुरु में खोला था।अब यहां से कोई भी शख्स जरूरतमंद 1 रुपए में पहनने के लिए कपड़े भी ले जा सकते है।

खासतौर पर यह काम गरीबो के लिए ही किया जाता है। यह शॉप सिर्फ सन्डे के दिन ही खुलती है। यहां पर आपको सभी प्रकार की साड़ी, शर्त,पेंट, जैकेट भी मिलेंगे। अभी यह पर दो स्टाफ मेम्बर काम करते ह।