तु’र्की के ह’गिया सो’फिया को म्यू’जि’यम से म’स्जि’द में त’ब्दी’ल होने के बाद हर तरफ जश्न का मा’हौल रहा है।सो’फि’या के बदलने के बाद दुनिया मे एक नई बहस उन म’स्जि’दों के लिए शुरू हो गई जो निर्माण तो म’स्जि’द के तौर पर हुई । बता दे, यू’रोप सहित कई मुलको में अभी भी बड़ी तादाद में म’स्जि’द को च’र्च में अ’वै’ध क’ब्जों की वजह से उनकी मौजू’द स्थिति कुछ और ही है।
इसी बीच यूएई के शारजाह सुल्तान बिन मोहम्मद अल कासिमी ने स्पेन में कुतुरबा चर्च को वापस लेने की मांग की है। स्पे’न के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित आं’दा’लुसिया में मेजविक्ता के रुप में जाने वाली कुतु’रबा मस्जिद 10 वी और 11 वी शताब्दी के उमय्यद खि’ला’फत के दौरान पश्चिम में मुस्लि’मो के लिए इबादत की जगह थी।

अमीराती नेता ने शरजाह न्यूज़ द्वारा बताया है कि हम कु’तुरबा म’स्जि’द की वापसी की मांग करते है जो च’र्च को दी गई थी।सुल्तान बिन मोहम्मद अल का’सिमी का ये बयान ऐसे वक्त आया है जब यूएई के कई नेता और अधिकारियों ने सो’फि’या को म’स्जि’द का द’र्जा दिए जाने पर तु’र्की की आ’लो’चना की है।
इस मस्जिद को 1984 में यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में जोड़ा गया था।इतना ही नही हमारे उर्दू के जाने माने शायर अल्लामा इकबाल ने इस म’स्जि’द पर नज्म लिखी थी।

इकबाल ने एक सिंबल के तौर पर लिखा कि मुसलमानों के उरूज और जवाल की सबसे बड़ी दास्तान है। ये इंसानी तारीख की बुलंदी और गिरावय कि नक्काशी करती है। नई नई तहजीब भी यही से जन्म लेती थी।