CAA के वि’रोध में फैली हिं’सा के बीच दिखी हि’न्दू मु’स्लिम एकता, 50 हि’न्दू युवकों ने की मु’स्लिम बेटी की बारात की सु’रक्षा

ना’गरिकता का’नून को लेकर दिनों दिन देश के हर कोने में वि’रो’ध प्रदर्शन बढ़ रहा है। इस का’नून के वि’रोध के लिए कई रैलियां और सभाएँ भी की जा चुकी है। बीते सप्ताह दिल्ली, यूपी में हिं’सा देखने को भी मिली थी । बता दे, अ’सम, यूपी जैसे राज्यो में हिं’सा के दौरान कई लोगों की जा’न भी जा चुकी है। आपको बता दे, कि देश में बीते सालों में कितनी ही न’फ’रत फैलती आ रही है।

लेकिन बरसों तक हि’न्दु मु’स्लिम साथ आए थे । यहां पर हि’न्दू मु’स्लि’म एकता हमेशा से साथ रहते थे। बता दे कि यूपी के कानपुर से एक ऐसी कहानी सामने आई है कि जो हि’न्दू मु’स्लि’म एकता की मिसाल पेश कर रही है। दरअसल, टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक यूपी के का’नपुर में बाकरगंज में एक मु’स्लि’म शख्स के घर आने वाली बारात के लिए हि’न्दु’ओ ने की है मदद।

दरअसल, 21 दिसम्बर को बाकरगंज निवासी खान परिवार अपनी बेटी जीनत की शादी की तैयारियों में जुटे हुए थे। इनके घर के सभी लोग बहुत ज्यादा प’रे’शा’न थे कि ऐसे माहौल में कैसे शादी होगी। जीनत की शादी के लिए प्रतापगढ़ से बारात आ रही थी। इस बात की जानकारी जीनत के पड़ोसी जो कि हि’न्दू है। इनका नाम विमल चपड़िया है।

उन्होंने अपने साथियों से बात करके बारात को विवाह स्थल तक पहुँचाने की जिम्मेदारी ली। शादी की शाम को करीब 70 बाराती कार और बस से बाकरगंज पहुँचे। जहाँ पर करीब 50 लोग विवाह स्थल तक पहुँचाने के लिए तैयार थे। सभी लोगों ने कड़ी बनाकर मानव श्रंखला के रूप में पहुँचे। विमल कहते है कि जीनत उनकी छोटी बहन जैसी है।

वह उसका और उसके परिवार वालो का दि’ल टू’ट’ने नही देना चाहते थे। सुख और दुःख में पड़ोसियो को एक दूसरे में काम आना चाहिए। किसी को भी ध’र्म नही देखना चाहिए। बता दे, इस खबर की सभी जगह तारीफ़ हो रही है । देश में आज के माहौल में ऐसी मिसालें बहुत कम देखने को मिलती है । यह ख बर ते जी से वा’यरल हो रही है ।

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