देश मे एक तर’फ हि’न्दू मु’स्लि’म भेद’भाव चल रहा है वही दूसरी तरफ इसकी मि’सा’ल रम’जान के महीने में दे’खने को मिल रही है। ऐसी मि’सल देखने के लिए हमारा देश हमे’शा के लिए ही जाना जाता है।एक तरफ जहां कर्नाटक में एक मु’स्लि’म व्यक्ति ने
ग’नेश मं’दि’र का निर्मा’ण करवाया है। वही दूसरी तरफ़ गुजरात मेएक सै’कड़ो साल पुरा’ने मं’दिर ने अपने दरवा’जों को सि’र्फ इस’लिए खोला है ताकि मु’स्लि’म रो’जा और इ’फ्ता’र कर स’के। कर्नाटक में एक जि’ला है जिसका नाम चा’मरा’जन’गर है। यहां के चि’क्क’होल इ’ला’के में रह’नते है जिसका नाम रहमा’न है।
वह रिजर्वायर में गेट ऑपरेटर के पद पर काम करते थे। साल 2018 में वह रियायर हो गए थे। चि’क्कहोल रिजर्वायर के पास एक गणेश मंदिर है। न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के मुताबिल बता दे कि रहमान इस बात को बताते है कि उनके रियायर होने से कुछ महीने पहले ही इस मंदि’र से भग’वान ग’णेश की मू’र्ति गा’यब हो गए।
स्था’नीय लो’गो और पु’लि’स ने मिलकर मू’र्ति को काफी ढूंढा ला’किम कोई भी का’मया’बी न’ही मि’ली। एक दिन अ’चानक रहमा’न को रा’त में सोते हुए एक स’पना आया। सपना भी ऐसा आया कि जिसे रहमा’न भू’ल न’ही स’के। रहमा’न बताते है कि उनके स’पने में

खुद भग’वान गणे’श आए और भग’वा’न ने रहमा’न को उनका मं’दि’र बनने के लिए कहा। उन्होंने रि’टा’यर होने के बाद एक ग’णे’श मं’दि’र बना’या। र ह’मान ने न सि’र्फ मं’दिर बन’वाया है ब’ल्कि पू’जा पा’ठ के लिए एक पु’जा’री को रखा हुआ है जिसे वह म’हि’नी की 4 हजार रुपए देते है।