इ’स्ला’म ध’र्म में ऐसी बहुत ही बाते होती है। जो हमारे न’बी सल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हमे बताई है। जिनके बारे में हमे इ’ल्म न’ही होता है। आइये जानते है ऐसे ही कई बातों के बारे में .. जहां पर कुत्ता होता है वहा रह’मत के फरिश्ते भी नही आते है। श’रीयत के मुताबिक कु’त्ते को पाल’ना मुस’लमा’नो के लिए भी ह’रा’म है।
इसके अलावा भी इस हु’क्म की ‘नाफर’मानी करने वाले को जु’र्माना और उसके नामा आमा’ल से रोजना एक दो कि’रात नेकि’यों क’म भी कर दी जाती है। इसके अ’लावा खे’तो में कु’त्ते की निग’रानी के लिए कु’त्ता र’खना जाय’ज है।

आपको बतादे कि हजरत अबु त’ल्हा रज़ि’यल्लाहु अ’न्हा से रिवायत है कि र’सूल अल्ला’ह सल्लेहि’ अलेही वस्सलाम नेफरमाया कि रहम’त के फरि’श्ते उस घर मे दाखिल नही होते है जिसे घर मे कुत्ता और तसवीर हो।
हज’रत आय’शा रजिअ’ल्लहुअन्हा बयान करती है कि एक दफा हजरत जब्राइल अलैहि’स्लाम के पास एक मुत’य्यन व’क्त में आने का वाय’दा किया वक्त गुजर गया लेकिन ह’ज’रत जि’ब्राइल अलै’स्सलाम न आए उस वक्त हमारे नबी के हाथ मे एक लकड़ी थी।

आपने उसे अप’ने हा’थ से फें’क दि’या और फरमाया की अल्ला’ह ता’ला वा’दा खि’लाफी नही करता उसे के क़ा’सिद वा’दा खि’ला’फी भी करते है। इसके बाद फिर आपने इ’धर उ’धर देखा तो एक ‘कु’त्ते का पि’ल्ला भी चा’रपाई के नीचे बैठा हुआ था।
आपने फरमाया आय’शा यह कैसे आया है।उन्होंने मना फर’माया मु’झे न’ही पता। इसजे बाद जि’ब्राइ’ल अलै’हिअस’ल्लम आए और आपने फरमाया की आपने मेरे से वा’दा किया था लेकिन आप व’क्त पर न’ही आए।इसके बाद जिब्रा’इल अलैहि’अस’ल्लम ने फरमाया की यह कु’त्ता था जो आपके घर मे था जिसने मुझे रोक रखा था।’