तौ’बा अ’ल्ला’ह त’आ’ला की बा’र’गा’ह में एक अ’जी’मु’श्शा’न अ’म’ल है। बं’दा अ’प’ने त’मा’म, गु’ना’हों , बु’रा’इ’यों और ना’फ़’र’मा’नी से श’र्मिंदा और त’यब होकर उस की ब’न्दगी इ’ख्ति’यार करना चाहता है। बु’जु’र्गो ने अपने अपने तरीके पर तौ’बा की मु’ख्त’लि’फ श’रा’इ’त ब’यान की है। ये श’रा’इत ऐसी है कि जि’न पर पूरा उतरने के बाद तौ’बा की क’बू’लि’य’त य’की’नी हो जाती है। ता-हम श’री’य’त ने ऐसी कोई अ’ला’म’त या नि’शा’नी बयान न’ही की जिससे इं’सा’न य’की’नी तौ’र पर जा’न सके कि मेरी तौ’बा कु’बू’ल हुई या फिर न’ही हुई।
ये अ’ल्ला’ह त’आ’ला का फैसला और वही उस का ह’की’की इ’ल्म है। हकी’क’त में तौ’बा वही है जो जु’बा’न से अ’दा हो कर क’ल’बो रू’ह की ग’ह’रा’इ’यों में उतर जाए और ब’न्दे की बाकी जिं’द’गी की का’या प’ल’ट कर र’ख दे। ‘जु’म्मे की न’मा’ज’ हकीकी तौ’बा के बा’इ’स और तमाम को’ता’ही और जो गु’ना’ह स’गि’रा हो यू मि’ट जाते है। जैसे माँ के पे’ट से पै’दा हु’आ हो। तौ’बा की श’रा’इ’त द’र्ज जे’ल है जिन पर अ’म’ल पै’रा हो कर इंसा’न स’च्ची तौ’बा की ब’र’का’त से दा’य’मी तौर पर मु’स्त’फी’ज हो सकता है।

तौ’बा के अ’म’ल में दाखिल होने का ये पहला क’द’म है कि इं’सा’न न’दा’म’त महसूस करते हुए। हर कि’स्म के गु’ना’हों से कि’नारा क’श हो जाए। बु’रे फ’स’ल पर श’र्मिं’द’गी और प’शे’मा’नी के अहसास से बन्दे के दि’ल मे गु’ना’ह त’र्क करने का इरादा ज’न्म लेता हैं। इं’सान अगर गु’ना’हों से म’ह’फू’ज रहकर अपनी जिंदगी म’य’स्स’र करे तो उसकी जिंदगी में कभी भी को’ता’ही न’ही हो सकती है। न’मा’ज का’य’म रखकर अपनी जु’बा’न , बु’रा’ई, शु’क्र से काम ले तो अ’ल्ला’ह उस की सब मु’श्कि’लो को आ’सा’नि’यों में बदल देता है।
तौ’बा अ’ल्ला’ह त’आ’ला की बा’र’गा’ह में एक अ’जी’मु’श्शा’न अ’म’ल है। बं’दा अपने त’मा’म, गु’ना’हों , बु’रा’इ’यों और ना’फ़’र’मा’नी से श’र्मिं’दा और त’य’ब होकर उस की ब’न्द’गी इ’ख्ति’या’र करना चाहता है। बु’जु’र्गो ने अपने अपने तरीके पर तौ’बा की मु’ख्त’लि’फ श’रा’इ’त ब’या’न की है। ये श’रा’इ’त ऐसी है कि जि’न पर पू’रा उतरने के बाद तौ’बा की क’बू’लि’य’त य’की’नी हो जाती है।

ता’ह’म श’री’य’त ने ऐसी कोई अ’ला’म’त या नि’शा’नी बयान नही की जिससे इं’सा’न य’की’नी तौर पर जा’न सके कि मेरी तौ’बा कु’बू’ल हुई या फिर न’ही हुई। ये अ’ल्ला’ह त’आ’ला का फैसला और वही उस का ह’की’की इ’ल्म है। ह’की’क’त में तौ’बा वही है जो जु’बा’न से अ’दा हो कर क’ल’बो रू’ह की ग’ह’रा’इ’यों में उ’त’र जाए और ब’न्दे की बाकी जिं’द’गी की का’या प’ल’ट कर रख दे।