इ’स्ला’म ‘कु’बू’ल करने वालो का सिलसि’ला भी लगातार जारी रहता है। क’र्नाटक के रहने वाले रफीक ने भी 4 साल पहले इ’स्ला’म को कुबू’ल किया था। इ’स्ला’म ध’र्म कु’बू’ल करने वसे पहले उनका नाम महे’श था। रफी’क ने बताया है कि मैने कु’रा’न और कई तरह की इस्लामिल पुस्तकों को भी पड़ा है।
मुझे इस बात का यकीन हो गया है कि अल्लाह एक ही है। जिसने हम सबको भी बनाया है। मैन सच के रास्ते को भी अपनाया है। रफीक ने आगे बताया है कि धर्म परिवतनर के लिए कोई ज’बर्दस्ती भी नही है। उन्हें किसी ने ब’हु ‘ध’र्म प’रिवर्तन करने के लिए मज’बूर भी नही किया है। यहां पर एक सं’स्था भी है

उन लोगो को इ’स्ला’म के रास्तेपर ठीक से चलने की कवायद भी की जाती है। जिन्होंने इ’स्ला’म ध’र्म को हल ही में कुबू’ल भी किया है। एक वक्त में यहा पर 30 लोगो को अच्छी मुस’ल’मान के तहत ट्रेनिग भी दी जाती है। रफीक ने बताया है कि उनकी अब ट्रे’निग भी पूरी हो
चुकी ह। अब वो अपने माता और पिता को मु’सल’मान बनाने की कोशिश में भी लगे हुए है। वो कहते है कि मेरे परिवार ने अब तक इ’स्ला’म नही कुबूल किया है लेकिन अपने माता पिता’को इस्ला’म के बारे में भी बताया है। अब वो भी जल्द ही इस काम को अंजा’म भी देंगे।

यह एक सच्चा और अच्छा महजब भी है। एक दिन में 5 वक्त की नमाज’ भी पढ़ी जाती है। इसके अलावा भी कई तरह के नेकी के कामो को भी किया जाता है।