जाम में फं’सी पू’नम , शहर का’जी के घर जन्मा बेटा , पिता बोले – टी’पू सु’ल्तान रखुँगा नाम

कहते है इं’सानियत ही सबसे बड़ा ध’र्म होता है। देश में रोज़ कही न कही ऐसी घ’टना घ’टित होती है ,लेकिन कुछ घ’टनाएँ ही हमारे सामने आती है। यह कुछ घ’टनाएँ ही दोनों समु’दाय को एक सूत्र में बांधने के काम आती है। हम आपको आज एक ऐसी की घ’टना के बारे में बताने जा रहे है , जो देश की गंगा जमुना तहज़ीब को दिखाती है। ये मामला यूपी के कानपूर का है। इस शहर में कुछ जगहों पर हमेशा की तरह भीड़ थी।

रास्ता वही था , म’रीज की हालत सही नहीं थी , रास्ते लम्बा था और फिर ट्रैफिक भी। म’रीज को जल्दी अस्पताल पहुँचाना था लेकिन कैसे ? राजेन्द्र गुप्ता अपनी ग’र्भ’वती प’त्नी को बाइक से गोविंद नगर से उर्सला से ले जा रहे थे। मरीज के साथ के कुछ ने कहा कि इस बस्ती से निकलकर हॉस्पिटल तक जल्दी पहुँचा जा सकता है। बिना देर किए म’रीज और साथ के कुछ लोग इस ब’स्ती की तरफ मुड़ते है।

लेकिन इस रास्ते में भी घं’टों से जाम लगने से रा’जेन्द्र गुप्ता की गर्भ’वती पत्नी की अचानक हाल’त बि’गड़ गई। महिला की प्र’स’व पी’ड़ा शुरू होने के बाद मौलाना कमर काजी शाहजहाँ के घर के सामने ही द’र्द से छ’ट’प’टा’ने लगी। इधर मु’स्लिम महिलाओं को ये सब बातें पता चल रही थी। काजी साहब ने आस पास की महि’लाओं की इस बात की जानकारी दी।

तुरंत ही उस महिला को काजी साहब के घर पर ले जाया गया और जहाँ पर आ’वा’ सीय महिला को बुलाया गया । उस महिला को प्र’सव करवाया गया और उस महिला ने बेटे को जन्म दिया। हिंदुस्तान अखबार में छपी खबर के अनुसार काजी साहब के बेटे मोहम्मद अतहर ने बताया कि 7 बजकर 30 मिनट पर यहाँ पर जाम ही जाम लग रहा था।

लोग शॉ’र्टकट रास्ता ढूंढ़ रहे थे इसी दौरान मेरे घर के सामने पू’नम की अचानक तबियत बिगड़ गई। वो बाइक पर से उतारकर प्र’सव पीड़ा के लिए कराह रही थी। इसी दौरान पास की म’हिलाओं को बुलाया गया और महिला को प्र’सव के दौरान बेटे ने जन्म दिया। महिला के पति ने काजी साहब का शुक्रिया अदा किया और साथ ही कहा कि में इस लड़के का नाम टी’पू सुल्ता’न रखूंगा।

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