जॉब के लिए बहुत जरुरी है सॉफ्ट स्कील्स

इस्टीट्युट ऑफ इंजिनियरिंग एंड टेक्नॉलोजी ने जॉब से सम्बधित एक बेहद चौकाने वाला खु लासा किया हैं। इनके सर्वे के अनुसार देश के लगभग 65% से अधिक लोगो को कम्पनी सॉफ्ट स्कील्स सिखाने पर ध्यान दे रही है। ये मध्यम आकार की कम्पनी चाहे टेक्निकल हो या नॉन-टेक्निकल दोनों ही स्थिति में टेक्निकल ट्रेनिंग की तुलना में सॉफ्ट स्कील्स पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं। कम्पनी इसमे अपने कर्मचारी कों कम्युनिकेशन स्कील्स , वर्क लाईफ , बैलेंस , मैने जमैन्ट , सेल्फ-इम्प्रुवमेंट , स्ट्रेस मैनेजमेंट ,कॉन्फिलक्ट रिजोलूशन आदि की ट्रेनिंग दे रही हैं।

कम्पनी इस बात पर भी ध्यान दे रही है कि उनकी कम्पनी की ग्रोथ उनके कर्मचारी ही कर स कते हैं। इसलिए वो कर्मचारी की लर्न ओर अनलर्न कैपेसिटी को ज्यादा तवज्जों दे रहे हैं।कम्प नी में मौजूद एक्सट्रा प्रभावशाली कर्मचारियों को सॉफ्ट स्किल्स देकर कंम्पनी ग्रोथ की ओर देख रही हैं। सॉफ्ट स्कील्स कर्मचारी में पॉजीटीव इम्प्रुवमेंट को तो सामने लाता ही है। वो कम जोरीयों पर भी बराबर ध्यान देते हैं। जब कर्मचारी की पॉजीटीव चीजें बढ़ेगी और कमजोरी दूर होगी तो टेक्निकल की तुलना में सॉफ्ट स्कील्स की मदद से कर्मचारी कम्पनी को आगे बढ़ा सकते हैं।

सॉफ्ट स्किल्स से कम्पनी को नही कर्मचारी की रोजमर्रा जिन्दगी पर भी असर पड़ता है और वो एक बेहतर जीवन बिता सकता हैं। यदि किसी कर्मचारी के पास अच्छी स्कील्स होगी तो वो ज ल्दी ग्रो थ कर पाएगा। यही पर फोरमेन्स कर्म चारी के लिए लाभ दायक सिध्द होगी। कुछ अध्यनो के मुताबिक , 30 प्रतिशत कर्मचारी अपना जॉब सिर्फ इसलिए छोड़ देते है कि उनकी सॉफ्ट स्कील्स कमजोर थी। बड़ी संख्सा में इंजि नियरिंग ग्रे जुएट भी इसी सॉफ्ट स्कील्स के चलते बेरोजगारी का अभी भी सामना कर रहे है।

जरुरी नही कि ये ग्रेजुएट सिर्फ टेक्निकल हो और उन्हें ही सॉफ्ट स्कील्स की आवश्यता हो। ऐ सा बिल्कुल भी नही है , आज सभी क्षेत्र के ग्रेजुएट को सॉफ्ट स्कील्स की जरुरत होती है। अगर आपके पास सॉफ्ट स्कील्स है तो आप किसी कम्पनी में जल्दी जॉब पा सकते है दूसरे स्टुडेंट के मुकाबले में। सॉफ्ट स्किल्स को लेकर ये भी कहा जा सकता है कि जिसके पास जि तनी सॉफ्ट स्कील्स उतनी ही ज्यादा तरक्की। ऐसे में आप सॉफ्ट स्कील्स डेवलप कर करियर में चार चाँद लगा सकते हैं।

सॉफ्ट स्कील्स का अगर हम सीधा सा मतलब समझे तो कैसे भी करने कम्पनी को आर्कषित करना होता हैं। एक होता है इमोशनल इंटेलिजेंस यानी इक्यू। मतलब सीेधा सा है कि अगर आ प प्रभावी रुप से बोलचाल में तेज है तो लोग आपको तुरंत रिस्पॉन्ड करेंगें। दूसरे पर आते है जि से आप और हम आई कॉन्टेक्ट यानी आँखो से सम्पर्क भी कहते हैं। जब आप किसी कम्पनी में जभ इन्टरव्यु के लिए जाए या फिर कम्पनी में काम करने के लिए जाए आप जब भी किसी से बात करो उसकी तरफ देखकर की बात करों।

ऐसा करके आप उनके भाव को समझकर बेहतर रिजल्ट की उम्मीद कर सकतें हैं। अच्छी सॉ फ्ट स्किल्स के लिए जरुरी है कि सामने वाले की बात ध्यान लगाकर सुनना और उसका सही जवाब देना। अगर आप ऐसा करेगें तो सम्भव हो कि वो आपकी बात को समझकर जल्दी रि प्लाई दे। अगला नम्बर आता है मोटिवेटर यानी पॉजीटीव सोच रखना। अगर अाप किसी से भी मिलते है या बातचीत करते है तो ये अवश्य ध्यान रखे कि उससे पॉजीटीव बात करें।

आप लगातार सकरात्मक बातचीत के साथ सामने वाले का उत्साह बढ़ाते रहें। ऐसा करके आप उर्जावान रह सकते है और बेहतर रि जल्ट पा सकते हैं। अब हम बात करेगें डेलि गेशन की। कि सी भी काम को करने से पहले उस काम को जा चें ,प रखें और अच्छे से रि सर्च करके काम को बाँट दे। इससे आपका काम आसान और कम समय में पूरा हो जाएगा। इसको टेक्निकल फिल्ड में टीम वर्क भी कहा जाता है। इससो कम्पनी और आपको जरुर फायदा होता है। एक कहावत भी तो है ‘संगठन में शक्ति हैं”।

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