मु’स्लि’म स’माज के सबसे मु’कद्दस और पा’क महीना चल रहा है। रम’जान के महिनी में सभी मु’स्लि’म रोजे रखते है। अं’ग्रेजी साल के मुताबिक यह महीना सा’लभर में एक बार आता है। क्या आपको बता है कि कुछ साल पहले रम’जान का महीना एक साल में दो बार आया था
और अगले कुछ सालों में फिर से दो बार र’मजान आने वाला है। सऊदी अरब के एक एस्ट्रोनॉमर एक्सपर्ट ने अपने ट्विटर केजरिय लोगों को इस बात की जनकरी दी है।ऐसा इसलिए है क्योंकि इ’स्ला’मिक हि’जरी कै’लेंडर च’न्द्र का’ल पर आधारित है जबकि ग्रेगोरियन कैलेंडर अंग्रे’जी कै’लेंडर जमीनी के चारो और सूर्य के घूमने के हिसाब से है।
खगोलशास्त्री ने अपबे ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट करते हुए एक वीडियो में कहा कि दो कैलेंडर के बीच अंतर का मतलव है कि रमजान लगभग हर साल 30 में ग्रेरगोयर्न वर्ष होता है।आखरी बार ऐसा साल 1997 में हुआ था और इससे पहले साल 1965 में हुआ था।
ऐसा अब साल 2030 मेआएगा और उसके बाद साल 2063 में आएगा। इस्लामिक कैलन्डर के मुताबिक साल 1451 में रमजान का आगाज 5 जनवरी 2030 केआसपास से शुरू होगा और साल 1452 हिजरी को 26दिसम्बर 2030 के आसपास आएगा।

इसी के अनुमान के मुताबिक साल 2030 में कुल 36 रोजे रखे जांएगे। हर साल रम’जान के 30 रोजे रखे जाते है।इस साल भी रम’जान की शुरुआत 3 अप्रैल से शुरू हुई थी अब 3 मई 2022 को देश मे ईद मनाई जाएगी। अभी तक रमजन के कुल 15 रोजे हो गए है।