जूनियर हॉकी टीम में अपने देश और सब्जी विक्रेता की बेटी ने जो देश का नाम रोशन किया वह काबिले तारीफ है। वह अपने मुल्क के लिए 6 साल से हॉकी खेल रही है। उन्होंने कहा है कि मुझे आज नही तो कल जॉब मिल ही जाएगी
लेकिन मेरी एक ही ख्वाहिश है कि मुझे एक आशियाना मिल जाता तो मुझर लगेगा कि मै अपने परिवार के लिए कुछ कर पाई हूं दक्षिण अफ्रीका में आयोजित जूनियर महिला वर्ल्डकप हॉकी में 8 गोल दागकर वापस लौटी मुमताज खान का इतना कहना था कि
उसकी आ’वाज रुक गई और थर्रा गई।वह अपने घर लौटी तो वह बहुत ही ज्यादा खुश नजर आई। मुमताज बताते है कि जुनि’यर इं’डिया केम्प में पहले सें’सेशन होनेतक मेरे घर की माली हालत बहुत ही ख’राब थी उनका को’ई भी घ’र न’ही था।
वह अपने मामू के घर चर्चा रही है। उन्होंने बताया है कि इस मु’श्कि’ल भरे हुए मा’हौल में मेरी अम्मी, अब्बू और बहनों ने मुझे हॉकी खेलने का हौस’ला दिया। वह कहती है कि अगर मैं परिवार वालो के लिए एक घर की व्यवस्था कर पाऊँ

तो मेरे लिए इससे बड़ी बात कोई एयर नही हो सकती है। मुमताज बताती है कि जब से वह लखनऊ पहुँची है उनके मिलने वालों का तांता लगा हुआ है। उनका कहना है कि मेरा सपना जाने कब पूरा होगा।