अफ’गानि’स्तान में सत्ता पर ता’लि’बान के नि’यंत्रण होने के बाद हिं’दु’ओ, सि’खों सहित कई अल्प’सं’ख्यक समुदा’य के लोगों का पलाय’न जारी है। ऐसे में लोग अपना सब कुछ छो’ड़ कर अफ’गानि’स्तान से बाहर एक सु’रक्षि’त ठि’काना त’लाश’ने में भी जु;टे हुए है। तो वही उनके मु’स्लिम पड़ो’सी
मु’स्लि’म प’ड़ोसी उनके कारोबार की जि’म्मेदारी भी संभाल रहे है। कई परिवारों ने यू’रोप का भी रुख किया है। तो कई ‘भारत का है। जला’ला’बाद से देश छोड़ कर जाने वाले 50 हि’न्दू और सि’ख परि’वारों के कारो’बार को स्था’नीय मुस्लि’म भी सं’भा’ल रहे है। दरअसल, इन लोगो को उम्मीद है कि हालत

सुधा’र होने पर एक बार फिर अ’फगा’निस्तान भी लौटेंगे। फिर से अपना कारोबार भी संभा’लेंगे। ऐसे में उन्होंने अपने भ’रोसे मु’स्लि’म दोस्तो को यह जिम्मेदारी भी दी है।बता दे कि जलाला’बाद शहर के बीचो बीच जॉन -1 में एक सिख डॉ’क्टर का क्लि’निक संभाल रहे मो. खालिद ने कहा है
कि मैं क्लि’निक के मा’लिक को रोज यहां के हा’लातो के बारे में अ’पडेट भी देता हूं। मुझे यकीन है कि हा’लात सुध’रेंगे तो वो लौट आएंगे। तब तक हम उनका कारो’बार ब’न्द न’ही होने देंगे। यहां पास में अमित सिंह की भी एक दुकान है। इसे रफीउ’ल्ला भी चला रहे है।

वो कहते है कि अमित भारत से रोज मुझे फोन भी करते ह। हाल भी पूछते है।वो अभी ‘लौट न’ही सकते। उनके आने तक मुझे भी उनकी जिम्मेदारी निभानी भी होगी। हम दशको से हमारे साथ है। ऐसे वक्त में हम मदद नही करेंगे तो कौन करेगा।