क्रोना संकट में भूख से रोतेे बच्चों को चुप कराने के लिए माँ ने उबाले पत्थर

दुनिया मे अगर आए हो,तो जीना ही पडेगा ‘ – उपर्युक्त लाइन 1957 मे आई महबूब खान की फिल्म मदर इंडिया के गाने का एक हिस्सा है जो जिंदगी की कड़वे हकीकत को बयान करती है ओर बताती है कि दुनिया मे जिंदगी बसर करने के लिए मेहनत करनी ही पड़ेगी , फिल्म के कई दृश्य आज भी प्रासंगिक है ।

इस फिल्म मे एक दृश्य वो भी आता है जब गांव मे बाढ़ आने के बाद माँ अपने बच्चो को खाना पकाने का झु’ठा दिलासा देकर उनकी भूख को शांत करने का प्रयास करती है । लेकिन, असल मे सिर्फ पानी गर्म हो रहा होता है , खाना नही पक रहा होता ।को’रो’ना म’हा’मारी के बीच ऐसा ही दिल को भा’वुक कर देने वाला किस्सा अफ्रीका के एक गरीब देश केन्या से सामने आया है ।

जहा ग’रीबी मे मुब्तला एक मा ने पत्थर उबालने को रख दिया ताकी भूख से रोते हुए बच्चो को चुप करा सके ।के देश केन्या के शहर मोम्बासा की रहने वाली पेनिना बहाती कित्साओ 8 बच्चो की माँ है वह असल जिंदगी मे विधवा , अनपढ़ है । तथा लोगो के कपडे धोकर परिवार का गुजारा करती है । लेकिन को’रो’ना महा’मा’री के कारण हुए लोक’डाऊन से उनकी आर्थिक स्थिति ओर नाजुक हो गई ।

तथा इस संकट ने उनकी ग’रीबी पर ऐसा प्रहार किया की अपने बच्चो को चुप कराने के लिए इस महिला ने पत्थर उबा’ल’ने के लिए रख दिया ताकी वो चुप हो सके ।केन्या के एन’डीटीवी द्वारा लिए इंट’रव्यु के बाद से उस महिला की मदद के लिए काफी लोग आगे आए है ।

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