मुस्लिम देशों के संगठन OIC फिलीस्तीन का समर्थन कर बोला- इजराईल के साथ सम्बन्ध कुबूल नहीं जब तक कि ….

ओआइसी इस्ला’मिक सहयोग संग़ठन 57 देशो का प्रभावशाली समूह है। संयुक्त राष्ट्र के बाद यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा संग़ठन है। ओआइसी के महासचिव डॉ यूसुफ बिन अल उसमें के कहा है कि ओआइसी अपने फॉर्म में केंद्रीय मुद्दा फिली’स्तीन और अल क़ुद्स का मुद्दा है। इज’रा’इल और फि’लि’स्तीन का वि’वा’द काफी समय पुराना है। फि’लि’स्ती’न ओर इ’ज’रा’इ’ल के बीच म’स्जिदे अ’ल अ’क्सा को लेकर भी वि’वा’द बना रहता है।

इस मुद्दे पर ओआइसी के स्थिति यह है कि यह मुद्दा फि’लि’स्तीनों संग़ठन की एकता, संयुक्त कार्यवाही का जरिया है। ओआइसी के सभी सदस्य फिलिस्तीनों समस्या के समाधान के लिए सहमत है। उनका मानना है कि फि’लिस्तीन के साथ इजरaiल के सम्बन्धो को स्वीकार नही किया जाएगा।

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यूसफ़ उसमानी ने कहा है कि ओआइसी इस मुद्दे पर लगातार ही विचार कर रहा था। इस सम्बंध में प्रस्तावित अरब पीस फार्मूला भी अपने मंच पर मोजूद है।ओआइसी में कई शिखर सम्मेलन, विदेश मंत्रालय के स्तर पर सम्मेलन और कई तरह की रणनीति की पहल की गई है।

बतादे की ओआइसी के महासचिव ने कहा है कि इस्ला’मिक सहयोग संग़ठन अंतराष्ट्रीय फिलि’स्तीनी का’नून, अंत’राष्ट्रीय प्रस्तावों, अरब शांति सूत्र और क्षेत्र में स्थायी शांति के लिएदो राज्य समाधान के अनुसार ही सँघर्ष को हल करने के लिए जोर देता है।

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उन्होंने आगे बताया है कि 1967 के कब्जे वाले इलाकों में एक स्वतंत्र और पूरी तरह से आ’जाद फि’लिस्तीन राज्य की स्थापना फिलि’स्ति’नीयो के लंबे समय से चला रहेअधिकार और उनकी मांगे है। उनके इस अधिकारो को नजरअंदाज नही किया जा सकता। इस पर इज’राइ’ल ने फि’लि’स्ति’नी’यो के कब्जे वाली भूमि, यहूदी बस्ती के निर्माण को अ’संवै’धा’निक बताया है।

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