इस साल के अन्त तक महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में राजनितिक पार्टीयों में चुनाव प्रचार से लेकर प्रबन्धन तक में काफी तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है। इसी कड़ी में महाराष्ट्र में ऑल इंडिया म जलिस इ त्तेहात उल मुस्लिमि न पार्टी ने भी बड़ा बदलाव करते हुए चौकाने वाला फैसला किया है। ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहाद उल मुस्लीमिन ( AIMIM ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद बैरिस्टर असद उद्दीन ओवैसी ने औरंगाबाद से उनकी पार्टी से सांसद इम्तियाज जलील को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। इम्तियाज जलिल से बीते लोकसभा चुनाव में 20 साल से शिवसेना के सांसद के हरा या था।
यहाँ से इम्तियाज़ जलील ने सबको चौकाते हुए जीत दर्ज की थी। जहाँ पूरे देश में मोदी लहर थी ,उसके बावजूद औरंगाबाद से इम्तियाज़ जलील सांसद बने थे। आपको बता दे, ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहाद उल मुस्लिमिन पार्टी के इतिहास में केवल 1 सांसद(हैदराबाद) ही चुनकर आते रहे है। लेकिन इस बार पार्टी ने 2 सांसद जीते है। बैरिस्टर असद उद्दीन ओवैसी हैदराबाद से सांसद है जबकि पत्र कार इम्ति याज जलील महाराष्ट्र के औरंगाबाद से सांसद है। औंरगाबाद से सांसद चुने जाने के बाद अब ओवैसी की पार्टी पूरे दमखम से मैदान में उतरने का मन बना चुकी है।

पार्टी ने प्रदेश यूनिट में बदलाव करके ये संकेत दे दिया है कि वह किसी भी पार्टी को हरा ने का दम रखते है। पार्टी ने महाराष्ट्र की कमान सांसद इम्तियाज जलील को दी है। वही ओवैसी की पार्टी ने महाराष्ट्र में अलग अलग जोन के अध्यक्ष बनाकर काग्रेंस और दूसरी पार्टी की रणनीति बनाते हुए आगे बढ़ रही है । पश्चिम महाराष्ट्र से अकीर मुजावर को अध्यक्ष बनाया गया है। विदर्भ से नजीम शेख को कमान दी गए है जबकि ओवैसी ने मराठवाड़ा कि कमान उनकी पार्टी के पूराने सिपहसालार फिरोज लाला को दी है।
बता दे, आम चुनाव 2019 के मोदी लहर में जहाँ बड़े बड़े दिग्गज चुनाव हार गए थे वही दूसरी ओर ओवैसी की पार्टी ने इतिहास रचते हुए औरंगाबाद लोकसभा सीट जी ती थी। यह जीत ओवैसी के लिए मायने भी इसलिए रखती है क्योकिं ओवैसी की पार्टी ने पहली बार में लोकसभा चुनाव जीता और 20 साल से सांसद रहने वाले शिव सेना के मजबूत नेता चन्द्रकांत खैरे को मात दी। जलील ने खैरे को करीब 5 हजार वोटो से हराया। बता दे , औरंगाबाद को शिवसेना का गढ़ माना जाता है , इस सीट पर बी जेपी और शिवसेना का एक ही प्रत्याशी थी।

राज्य में भी दोनों पार्टीयाँ साथ इसके बावजूद ओवैसी की पार्टी यहाँ से जीत का पर चम लहराने में कामयाब हुई। बता दे, ओवैसी परिवार का गढ़ हैदराबाद रहा है। कई दशको से उनकी पार्टी का हैदराबाद की सीट पर कब्जा रहा है। अभी वहाँ से बैरि स्टर असद उद्दीन ओवैसी सासंद है जो अपने परिवार की राजनितिक विरासत को आगे बढ़ा रहे है। हैदराबाद के अलावा ओवैसी कई राज्यों की रुख किया लेकिन उनका पूरा ध्यान महाराष्ट्र पर रहा।
पिछले महाराष्ट्र विधानसभा इलेक्शन में ओवैसी की पार्टी ने धमाकेदार एन्ट्री करते हुए पहली बार ही 2 विधायक जीते थे। ओवैसी की पार्टी की हैदराबाद के बाद से बड़ी जीत मानी गई। हैदराबाद के बाद अगर पिछले 5 साल में ओवैसी ने पूरा जोर लगाया तो वो महाराष्ट्र ही है, समय समय पर वो अपनी जनसभा, पैदल यात्रा करते रहे है। ओवैसी ने लोकसभा चुनाव 2019 में औरंगाबाद सीट से चुनाव के 28 दिन पहले की प्रत्याक्षी खड़ा किया था। ओवैसी ने औरंगाबाद सीट पर जोर लगाया और नतीजा सबके सामने है।
All India Majlis-e-Ittehadul-Muslimeen (AIMIM) has appointed Lok Sabha MP from Aurangabad, Imtiaz Jaleel, its new Maharashtra state president. (File pic) pic.twitter.com/edx2KPWjrS
— ANI (@ANI) July 11, 2019
सासंद जीतने के बाद पार्टी के हौसले बुलन्द है इसलिए वह आने वाले विधानसभा चुनाव में जो आजमाइश करने से भी नही चूक रही है। जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे है वैसे वैसे ही राजनितिक पार्टी में हलचल तेज होगा है। ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहाद उल मुस्लीमिन ने बड़ा फैसला लेते हुए चुनाव के एन वक्त में पार्टी संगठन में बदलाव किया। वही बीते दिनों काग्रेंस सुप्रीमो सोनिया गांधी भी महाराष्ट्र में सक्रीय नज़र आ रही है। यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गाँधी और मनसा प्रमुख राज ठाकरे की मुलाकात हुई थी।