इ’जरा’यल और फि’लिस्ती’न के बीच 11 दिन बाद सँघ’र्ष वि’रा’म हो गया। वही इज’राय’ल केआ’रो’प है कि ह’मा’स सं’गठ’न ने पि’छले एक सप्ता’ह में 3100 रॉके’ट दा’गे है। मस्जि’दे अ’ल अ’क्सा जिसे बै’तू’ल मु’क’द्दस भी कहा जाता है। यही बै’तू’ल मुकद्द’स अम्बि’या का व’तन भी रहा है। यह मु’स्लि’म का ती’सरा पवि’त्र स्थ’ल भी रहा है। इस मा’स्जि’द के बारे में हदी’स में भी जि’क्र आता है।
‘यह कोई ज’मीन का टुक’ड़ा नही है। यह जमीन बहुत ज्यादा बाब’रकत भी है। जिसे खुद अ’ल्ला’ह ने भी बाब’रक’त करा’र दिया गया है।(सूर’ह ब’नी इ’स्राइल 17:01, सूरह मा’यदा और सूरह अम्बिया21:17) ” ‘यही वो मुक’द्दस इबाद’तगाह है। जो म’क्का और म’दीना श’रीफ के बाद दूसरी सब्से पुरा’नी मा’स्जि’द है। यहां पर बेशु’मार नबि’यो ने भी अपनी न’माज को अदा किया है। इसका जिक्र (सहीह बुखारी 3366, 3455)’

“इसकी बन’वाने का अलग अलग दौर भी हुआ है। पहले हजर’त आ’दम अलैहि’स्सलाम में इसके बाद इब्राहिम अलैहिस्स’लाम ने हजरत दाउद अलैहि’स्सलाम ने इसे आबा’द भी किया है। ( फ़्तबुल बारी किताब अहादीस अम्बिया हदीस 3371:7/673,शरह सुनन नसाई8/ 448, सुनन नसाई 694)”
वही ह’जरत मू’सा अलैहिस्स’लाम की ख्वाइश थी कि उनकी वफा’त भी इसी सर’जमी पर हो। (सहीह बुखारी1339) हाल के दिनों में इजरा’य’ल और फि’लिस्ती’न के इस जं’ग में मु’स्लि’म देश भी एक’जुट हो गए है। इसमे तु’र्की देश सबसे आगे है। वही तु’र्की के राष्ट्रपति

ए’र्दो’गान ने इ’जरा’यल देश को ध’म’की दी है कि अगर किसी ने मस्जि’दे अ’ल अ’क्सा की जा’निब हा’थ ब’ढ़ाए तो उनके हा’थों को तो’ड़ दिया जाएगा। इज’राय’ल और फि’लि’स्तीन के बीच 11 दिन बाद सँ’घर्ष वि’रा’म हो गया। वही इज’रा’यल के आ’रो’प है कि ह’मा’स संग’ठन ने पिछले एक सप्ताह में 3100 रॉ’के’ट दा’गे है।