इंसान कब रास्ता बदल लें इसका कोई कहना भी नही है। इस भीड़ भाड़ वाली दुनिया मे लोग पैसा कमाने की भागदौड़ से लेकर जिंदगी में सुकून को तलाश करते है। कुछ लोग अपने जिंदगी अधिकांश समय जहां पैसा कमाना होता है वही दूसर तरफ़ कुछ लोग पैसा ही सब कुछ समझते है।
भागदौड़ वाली जिंदगी में हर कोई सुकून भी चाहता है।वो जीवन मे सुकून पाने के लिए तरह तरह के प्रयास भी करते ह। कुछ लोग जो सही रास्ते पर जाते है वो सुकून को पा लेते है। जबकि कुछ लोग इस सुकून को पूरी जिंदगी ढूंढने के बाद भी नही पाते है।।ऐसा ही एक वाकया हम आपको बताने वाले है।

फूल और काटे फ़िल्म में आपने आरीफ खान को अभिनय करते हुए देखा भी होगा। ऐसे ही वो इस फ़िल्म नेगेटिव रोल में थे। फूल और काते फ़िल्म में आरिफ़ खान ने काम भी किया है और लोगो मे उनके काम की बहुत ही ज्यादा सराहना भी की है। उनके इस अभिनय को काफी ज्यादा पसंद भी किया जा रहा है।
आरिफ ने फ़िल्मी शूटिंग को पूरी तरह से ही छोड़कर इस्लामी दुनिया मे अपनी जिंदगी को और ज्यादा सुकून पाने की तलाश में कुछ इस किया है। आरिफ खान ने तबली’ग जमात में शामिल हो गए है। इसके बाद से ही फिल्मी

दुनिया से पूरी तरह गा’यब भी हो गए है और इस्ला’म का प्रचार प्र’यास करने के लिए भी लग गए है। आरिफ खान फिल्मी दुनिया से 18 साल से भी दूर है। इ’स्ला’म के मुताबिक अपनी जिंदगी को गुजर रहे है।