कुरा’न पा’क मुस’ल’मा’नो की एक मु’कद्द’स कि’ताब है। हर मु’स्लि’म को कु’रान पा’क को रो’जाना पड़ना भी चाहिए।क्योंकि इससे रोज’गार , घरों में बर’कतें भी होते है। अगर कोई शख्स’ कुरा’न श’रीफ को हि’फ़्ज़ कर लेता है तो त’माम गुना’ह मा’फ भी कर दिए जाते है।
कु’रा’न पा’क में एक न ही शब्द को जो’ड़ा गया है अऔर न ही हटा’या भी गया है। कुरा’न शब्द का पहला जिक्र खुद कुरा’न पाक में ही मिलता है। कुरान शरीफ में खु’द कु’रान का जिक्र 70 मर्तबा बार भी आया है। कुरा’न शरी’फ के 30 पारे है। कुरा’न में कुल 6,666 आयते भी मौजूद है।

इसमें कुछ आ’यत बहुत ही छोटू है और कुछ आय’ते बहुत बड़ी है। कुरा’न श’रीफ की सबसे बड़े सूरत अल ब’करा है। इसमें कुल 286 आयत है। सबसे छोटी सु’रह कौ’सर है। इसमी सिर्फ तीन ही आयत है।कुरान शरीफ को सबसे पहले किस ची’ज पर लि’खा गया था।
अभी के कुरा शरीफ कागज पर लिखे जाते है लेकिन इसको 1400 साल पह’ले चम’ड़े पर लिखा गया था। कु’रान शरी’फ में कुल 540 रुकू, 14 सज्दे,86,423 शब्द,32,376 अक्षर और 25 नबियों और रसू’लो का जि’क्र भी आता है।

अ’ल्लाह ता’ला ने जिब्रा’इल अलैहि’स्स’लाम के जरिये पह’लीं बार कुरा’न शरी’फ को पैग’म्बर हजरत मुहम्मद पर नाजिल किया । जब हमारे नबी ह’जरत मुह’म्मद मुस्तु’फा अल्ला’हो अलैहि व’स्लमम गारे हीरा की गुफा में इबादत कर रहे थे। यह गारे हीरा स’ऊदी अरब में स्थित है।