क्यों रखे जाते है रोजे, जाने क्या है रमजान का इतिहास ….

र’मजा’न के पा’क म’हीने की शुरुआत सऊदी अरब में ही चुकी है इसके अ’लावा दूसरे दे’शों में भी रम”जान का पा’क महीना शुरू हो चूका है। रम’जा’न के महीने में मु’स्लि’म स’मुदाय के लोग पूरे एक मही’ने के रो’जा रखते है। अ’ल्ला’ह की इ’बाद’त करते है, कु’रान’ शरी’फ को पढ़ते है, नमा’ज , त’राबी’ह की नमा’ज को पढ़ते है।इसी पाक महीने में कु’रआ’न शरी’फ ना’जिल हुआ था।

लोग रमज’न के मही’ने में अपने गुना’ही की ‘तौबा’ करते है। मु’स्लि’म समा’ज के लोग इस मही’ने का बेस’ब्री से परे साल में इंत’जार करते है। इसी महीने का चां’द रात में ही अ’ल्ला’ह ज’न्नत के सभी दरवा’जो को खो’ल देता और दोज’ख के सभी दरवा’जो को बं’द करने साथ साथ ही शै’ता’न को भी पूरे 1 महीने तक कै’द कर लिया जाता है।

ramzan mubarak

इस बार रमजान की शुरुआत 14 अप्रैल 2021 से शुरु होने वाला है। रमजा’न हर 7 साल के उम्र के बाद हर सेहतमंद मुस’लमान पर रो’जे रखना भी फर्ज है। इस महीने में अ’ल्लाह अपने ब’न्दों की ब’ख्शिश करता है।

सेह’री, इफ्तार, तरा’बीह– रमजान के महीने में लोग सुबह उठकर सेहरी करते है।सेहरी करने के बाद लोग फ’ज्र की नमा’ज पढ़ते है। इसी के साथ रो’जे की शुरु’आत होती है। रोजेदार पूरे दिन कुछ भी नही खाते है।शा’म को सूर’ज डू’बने के बाद इफ्तार’ किया जाता है। इसके बाद रात को ईशा की नमाज पढ़ी जाती है। ई’शा की न’माज के बाद त’राबीह भी पढ़ी जाती है।

ramzan mubarak

इसी दौरान म’स्जिदों और घ’रों में कुरा’न भी पढ़ जाता है। इसके अलावा जकात भी दी जाती है। अगर किसी के पास सालभर उसकी जरूरत से साढ़े 52 तोला चांदी या उसकी बरा’बर कै’श या फिर की’मती सामा’न है तो उसका ढाई फी’सदी कि’सी गरी’ब को दिया जाता है।

Leave a Comment