राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बीते दिनों ही कहा है कि सभी भा’रती’य ना’ग’रिकों का डी’एनए भी एक जैसा है। उ’त्तरप्र’देश के गाज़ि’याबाद में आयो’जित एक कार्यक्रम को सम्बो’धित करते हुए मोहन भा’गवत ने कहा है कि यह बात पूरी तरह से सि’द्ध’ हो चुकी है कि हम पिछले 40,000 सालो से एक ही
पू’र्व’जो के वंश’ज भी है। भारत के लोगो को डीएनए’ एक ही जैसा है। कोई हि’न्दू और मुस’ल’मान दो स’मूह न’ही है। एकजुट होने के लिए कु’छ भी न’ही है। वो पहले से ही एक साथ है।असदुद्दीन ओवैसी ने एक के बाद एक टवीट करते हुए लिखा कि RSS के भागवत ने कहा कि लिं’चिं’ग करने वाले हि’न्दु’त्वादी’ वि’रो’धी है। उन्होंने लिखा कि अप’रा’धियों’ को गा’य और भैं’स में फर्क नहीं होता है लेकिन क’त्ल करने के लिए जुनैद, पहलु, रकबर, अलामुद्दीन के नाम काफी थे।

उन्होंने कहा कि नफर’त हि’न्दु’त्त्व की देन है। इन मु’ज’रिमों’ को हिंदु’त्व’वादी’ स’र’कार प’नाही हासिल है। बता दे कि RSS प्रमुख डॉ ख्वाजा इफ्तिखार अहमद द्वारा लिखित पुस्तक द मीटिंग्स ऑफ माइंड्स, ए ब्रिटिश इनिशिएटिव का विमोचन कार्यक्रम को सम्बो’धित भी कर रहे है।
उन्होंने अपनी बात को आगे बढाते हुए कहा है कि सं’घ राज’नी’ति से दू’र रहता है। ली’चिं’ग करने वाले हिं’दु’त्व के खि’ला’फ है। मेने दि’ल्ली के भाष’ण में यही कहा था कि अगर हि’न्दू यह बात को कहता है कि यहां पर एक भी मु’सल’मान नह रहना चाहिए तो वो हि’न्दू हि’न्दू नही र’हेगा और यह मैंने पह’ली बार नही कहा है।

उन्होंने आगे कहा है कि भी’ड़ में पी’ट पीट’कर की जा’ने वाली ह’त्या में ‘शामि’ल होने वाले हिं’दु’त्व के भी खि’ला’फ है। देश में एकता के बिना विका’स स’म्भव न’ही है। हम सभी लोक’तांत्रि’क दे’श मेर’हते है। यहां पर हि’न्दू मुस’ल’मा’नों का प्र’भुत्व न’ही हो सकता है। यहां पर केवल भार’तीय का प्र’भु’त्व रह सकता है।