कॅरियोग्राफ़र सरोज खान इस दुनिया को अ’लविदा कह जाने से हर कोई सदमे में था, इसकी कई वजह रही थी। अपने बेबा’क अपने अं’दाज और पर’फेक्शन के चलते बॉली’वुड में उन्होंने एक अलग ही मुकाम को हासिल कर लिया था। क’रियर की ऊंचाइयों को छूने वाली सरोज की प’र्सनल ला’इफ काफी उत्तर चढ़ाव भरी रही है।
महज 13 साल की उम्र में नि’काह क’रना और हि’न्दू होकर भी इ’स्ला’म कु’बूल करने के चलते वह काफी चर्चाओं में रही थी। ज्यादातर का मानना है कि पति की वजह से उन्होंने इस्ला’म ध’र्म को भी अप’नाया था। सरोज खान ने पहले एक पा’किस्ता’नी चेनल इंटरव्यू दिया था। जिसमे उन्होंने अपने ध’र्म

परिवर्तन के बारे में भी जिक्र किया था। उन्होंने बताया था कि शा’दी से पहले वो एक हि’न्दू थी। उनका असली नाम सरोज किश’न चंद साधु सिंह ना’गपाल भी था।वो एक सिंधी पं’जाबी थी। उन्होंने सोहनला’ल से शादी भी की थी। उनसे करीब 30 साल बड़े थे। पहले वो पा’कि’स्तान में रहा करत थे
मगर पा’र्टीशन के बाद ही वो भार’त आ गए थे। जब ही सरोज खान ने अपना ध’र्म को भी बदला था। उन्होंने एक बार मिडीया को इंटरव्यू देते समय कहा था कि जब छोटे बच्चों को इ’स्ला’म का पालन करते हुए देखती थी तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा भी लगता था।

तभी से मुझे इ’स्ला’म को अपना’ने का भी मन होता था। इसके अलावा मु’झे सपनो में एक बच्ची मस्जि’द के अंदर से पु’कारती हुई भी दिखती थी। उन्होंने आगे बताया है कि मुझे यह सपना बहुत ही ज्यादा आता था और मेने इ’स्ला’म ध’र्म को कु’बूल कर लिया था।