मदरसे में पढ़े शाहिद रज़ा खान बने अफसर, डीएम साहब..हौसला नहीं हारते, पढ़िए सफलता की कहानी

UPSC संघ लोक सेवा आयोग की सिविल परीक्षा में इस बार सफल हुए उम्मीदवारों की कहानियां भी बड़ी ही रोचक है। बिहार राज्य के गया जिले के एक गांव का बालक मदरसे में पढ़ने गया तो उसने प्रतिभा ऐसी है कि उसी मदरसे में मौलवी भी बना है। इसके अलावा मौलवी साहब यही नही रुके

बल्कि सिविल सेवा की तैयार करके अब आईएएस भी बन गया है।शहीद रंजा खान ने अपने शुरुआती दिनों में शिक्षा अपने गांव और फिर उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ में एक मदरसे से हासिल भी की है।मदरसे में पढ़िए पूरी करके भी रंजा ने मौलवी का पदक भी हासिल किया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए

shahid raza khan ias

बताया है कि मेरी शुरुआत की पढ़ाई अपने गांव जो एक छोटा सा कस्बा है वहांपर हुई है। आगे की पढाई के लिए उन्होंने आजमगढ़ के मुबारकपुर स्थित अल जमातुल अर्शफिया भी गया है। वतर्मान में वह जवाहर नेहरू यूनिवर्सिटी से पीएचडी भी कर रहे है

उन्होंने आगे बताया है कि उनकी माँ ने उनका भरपूर साथ भी दिया है। उन्होंने यही नही बल्कि अपनी सफलताओं का श्रेय अपने मदरसे को भी दिया है। उन्होंने बताया है कि मदरसे जो आज एक अच्छी शिक्षा को प्राप्त किया है आज मैं उसे की वजह से यहां तक भी पहुचा हूं।

shahid raza khan ias

आपको बता दे कि बीते महीनव ही यूपीएससी के रिजल्ट भी आया था।जिसमे 759 उम्मीदवारों ने सफलता को भी हासिल किया है। इनमे से 52 मुस्लिम पास हुए है।

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