सऊदी,जॉर्डन के बाद तुर्की ने उठाई फिलीस्तीन के समर्थन मेें आवाज, एर्दोगन बोले- बैतुल मुकद्द्स मुसलमानों का है और रहेगा

फि’लि’स्ती’नी स्थान का इ’स्लाम, ई’साई और य’हूदी तीनो ध’र्मो’ में माना जाता है। जिसकी वजह से ये पाक जगह मु’स्लिम , ईसाई और य’हू’दी स’मु’दा’य के लिए मायने रखती है। इतना ही नही फि’लि’स्ती’न का कुरा’न श’री’फ में भी जि’क्र आया है। फि’लि’स्ती’न में मौजूद म’स्जिद ए अक़ सा पहले कि’ब”लाए अव्वल था लेकिन बाद में ये बदल गया । आखिरी न’बी स’ल्ला’हु अ’लैहि व’स्सल’म ने यही पर सभी न’बियों की इ’मामत की और नमा’ज प’ढ़ाई थी ।

फि’लिस्ती’न से जुड़ी कई अहम जानकारी भी है । इ’सजरा’इल फि’लि’स्तीन के लोगो पर आए दिन जु’ल्म करता रहता है। ये मुल्क लेबना’न और मिस्र के नजदीक मौजूद है। आपको बता दे, सऊ’दी के बाद यू’एई ने जॉ’र्डन के साथ मिलकर फि’लि’स्ती’न के स’मर्थ’न में कदम उठाया है। सऊ’दी के इस क’दम से हर कोई है’रान है । शेख मोह’म्मद बिन जाय’द अल ना’हयान , अबु धाबी के क्राउन प्रिंस और संयुक्त अरब अमीरात के उप सुप्रीम कमांडर ने जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला से फोन पर बातचीत की है।

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यूएई के राज्य समाचार एजेंसी डब्लूयूएएमने बताया है कि दोनो नेताओ ने प’रे’शा’नी के क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों की एक सारणी के अलावा दोनो देशो के बीच सभी सम्बन्ध में बातचीत की है।शेख मोहम्मद ने किंग अब्दुल्ला दिव्तीय को जॉर्डन के साथ संयुक्त अरब अमीरात की सारी एकजुटता और यूएई के फि’लि’स्ति’नी ज’मीन पर ‘अवैध इ’ज’राइल को नही स्वीकार करते है।

उन्होंने जोर देकर कहा है कि यूएई अरब देशों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाए के साथ इस कदम औऱ उसके प’तन के खिला’फ काम कर रहे है। इसी बीच तुर्की के राष्ट्रपति ने भी एक बार फिर फिलि’स्ति’नी के लिए उनके मुल्क के समर्थन को बढ़ावा दिया है।एर्दोगान ने अपने बयानों में कहा था कि वो मस्जिदे अक्सा के लिए किसी भी प्रकार का समझौता करने को तैयार नही है। उन्होंने आगे कहा था कि बैतू’ल मुक’द्दस मु’स’ल’मानों का है और रहेगा।

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50 साल पहले इस्राइल और उसके पड़ोसियों के बीच युद्व भड़क गया था जिसे 1967 के अरब इस्राइल युद्ध के नाम से जाने जाते है। ये संघर्ष उस वक्त महज 6 दिन ही चला , लेकिन इसका असर आज तक भी नजर आता है।अरब और इस्राइल के संघर्ष की छाया मोरक्को को लेकर पूरे खाड़ी क्षेत्र पर है। इसका इतिहास काफी पुराना है। 14 मई 1948 को पहला य’हूदी देश इस्राइल अस्तित्व में आया।

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