तकरीबन एक दशक पहले एक बे’करी क’र्मचारी की बेटी ने इस बात का एलान किया था कि वह ब’ड़ी होकर पा’य’ल’ट बनना चाहती है तो शायद किसी ने उसकी बात पर भरो’सा नही किया होगा। लेकिन आज यह हि’जाबी पहनने वाली लड़की
सैयद सलवा फातिमा पायलट बन गई है और जिनसे म’हाद्वीपी की उड़ान को भरा है।हैदराबाद में जन्मी सैयदा सलवा महा’द्वीप को’पर करते हुए कही भी उड़ान को भरती है। सैयदा फातिमा एक कर्मि’शियल यात्री एय’रबस 320 की कमान संभालने के लिए
हि’जाबी पहनने वाली सबसे कम उम्र की महिला का गौरव हा सिल किया है। 30 वर्षीय पायलट ने सभी तरह की बाधाओं को दूर करते हुए अपने देश और घर वालो का नाम रोशन किया है।
आवाज दी वाइस से बात करते हुए सलवा ने बताया है कि मैं बहुत ही कम उम्र से आ’समान की और देखा करती थी। मुझे याद है कि मैं इसेछू’ना और बादलों के बीच उड़ना चाहती थी। 12 वी पास करबे के बाद उसने एक उर्दू दै’निक द्वारा आयोजित इंजीनियर प्रवेश परीक्षा के लिए कोचिंग के लिए दाखिला लिया।

उसने जब पायलट बनने के सपने को किसी को बताया तो लोग उस ओर हसने लगें। उन्होंने साल 2007 में आंध्रप्रदेश एनिवेशन अकादमी में दाखिला लिया। उसने सेसना 152 विमान में 200 घण्टे की उड़ान और 123 घण्टे की एकल उड़ान में प्रवेश लिया।
उन्होके बताया है कि वह हमेशा ही हि’ज़ाब में रही है। साल 2013 में उन्हें अपना कर्मिशियल लाइसेंस भी मिला। उनके माता और पिता ने उसने शादी के बारे में बोल उन्होंने इस बात पर सहमति जताई । इसके बाद तेलंगाना सरकार ने
उन्हें बहु इंज’न प्रशि’क्षण और टाइ’ल राइ’टिंग के लिए 36 लाख रुपए की वि’त्तीय सहा’यता की घोष’णा की। अब सल’वा एक माँ बननेवाली है। उन्होंने कहा है कि उनकी बेटी उनकी कि’स्मत को लेकर आई ह।