90 के दशक के उबेद कमाल वह क्रिकेटर थे जो इंडियन क्रिकेट टीम के बड़े दावेदार थे। यह चमकता हुआ सितारा उबैद कमाल रा’जनी’ति का शि’का’र होते हुए धूमिल हो गया। उत्तरप्रदेश से रणजी ट्रॉफी शुरू हुई तीन सीरीज को खेला जिसने पहले सीजन में एक मैच मिला,
दूसरे सीजन मेंएक मैच वापस से खेलने के लिए मिला एयर दोनों ही सीजन के एक एक मैच में तीन और 5 विकेट लिए। बिशन सिंह बेदी ने उबैद कमल का हाथ पकड़ा और पंजाब से खेलने के लिए ऑफर दिया। कमाल ने पंजाब से खेलते हुवे क्रिकेट को ऊँचाई प्रदान की।
उस वक्त पंजाब से उबेद के अलावा फ़ास्ट बोलिंग में भूपेंद्र सिंह भी रेस में थे। यहां भी वह राजनीति का शिकार हुए। उबैद बताते है कि बिषम सिंह बेदी, भूपेंद्र सिंह सिनीयत को ज्यादा तवज्जो देते हुए उनके हिसाब से विकेट तैयार करवाते हुए भुवेन्द्र सिंह सीनियर ने उस एंड से बोलिंग कटाते जहां से मदद मिलती
और दूसरे एंड से उबैद बोलिंग करते जो एंड स्पिनर्स को मदद करता था। जब जब उबैद को मौका मिला तो उन्हीने सचिन तेंदुलकर औरराहुल द्रविड़ जैसे बैट्समैन को भी पीछे रखा। सचिन तेंदुलकर को दो बार आउट किया और

राहुल द्रविड़ को तीन बार आउट किया। खिलाड़ी हमेशा से खेल से जुड़ा हुआ रहता है उबैद भी खेल से जुड़े हुए है। वह यूपी में 25 क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के रूप में भूमिका निभा रहे है।