कौन कहता है आसमा में छेद नही हो सकता , एक पत्थर तबियत से उछालो यारो । अक्सर हम यह सुनने और देखने को मिलता है लोग एकाएक सफलता की सीधी चलते चले जा रहे है । ये काफी मुश्किलों का सामना करके लोग सफलता की सीढ़ियों को पाए करते है। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है ।
महाराष्ट्र पब्लिक सर्विस कमिश्नर की परीक्षा में महिला टॉपर्स में तीसरा स्थान पाने वाली वसीमा शेख की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। वसीमा ने लड़कर इस सफलता को हासिल किया है। अब वो डिप्टी कलेक्टर बनी है। वसीमा महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के जोशी संघवी गांव की रहने वाली है । उनके पिता मा’नसिक रूप से बीमार है।

जिसकी वजह से उनके घर की जिम्मेदारी उनके भाई के कंधों पर आ पड़ी है। वसीमा के भाई रिक्शा चलाते है। घर के खर्च में हाथ बंटाने के लिए मां दुसरो के काम करती है। वसीमा कहती है कि अगर आपको कुछ बनना है, तो अमीरी गरीबी कोई मायने नही रखती है।
ऐसा नही है कि वसीमा पहली बार ये परीक्षा को पास किया है। इससे पहले भी वो एमपीएससी की परीक्षा को पास कर चुकी है।वसीमा के दूसरे भाई इमरान ने बैचलर ऑफ साइंस की पढ़ाई की थी, लेकिन घर के हालात ठीक नही थे तो वो कमाने लग गए। इसी कमाई से उन्हीने वसीमा की पढ़ाई के लिए पैसे जुटाए।