हि’न्दू रीति रिवाज से ला’वारिस ला’श का कां’स्टेबल यूनुस बैग ने कराया अं’तिम सं’स्कार, पेश की मिसाल

ध;र्म जा’ति से अगर इससे ऊपर कोई मिसा’ल कायम होती है तो सिर्फ वह इन्सा’नित और मा’न’वता ही है। जो बीते दिनों हरिद्वा’र में तै’ना’त उ’त्तरा’खं’ड पु’लि’स के एक मु’स्लिम नोज’वान यूनु’स बेग ने का’यम की है। यू’नुस ने भारी बा’रिश के बीच पंडि’त के साथ मिल’कर एक

ला’वा’रिस श’व का पूरे हि’न्दू री’ति’रिवा’जों से अं’ति’म सं’स्का’र भी कर’वाया है।बीते दिनों जब 18 सित’म्बर को देर शाम को हरिद्वा’र के मैंग’लोर क्षेत्र में आसि’फ न’गर जा’ल से स्था’नी’य।पु’लिस को लगभग 35से 40 वर्ष के एक यु’व’क का श’व सदि’गली अ’वस्त में ‘भी मिला था।

yunus baig uttrakhand

शव की शि’नस्त के का’फी प्रयास के बाद पुलिस ने अपने प्रया’स को जारी रखते हुए निय’मानुसार श’व को 72 घण्टे सुवि’ल हॉ’स्पिट’ल रुड़’की के श’व’गृह में भी रखा।72 घण्टो के बाद शि’नाख्त न’ही होने की वजह से पुलि’स था’ने में तैना’त हुए यूनुस ने मिलक’र श’व का पोस्ट’मार्टम भी करवाया गया।

इसके बाद उस शव को यूनु’स’ बेग के’ सु’पु’र्द भी कर दिया गया। यूनु’स ने मीडि’या से बात करते हुए बताया है कि यूनु’स ने अके’ले ही भा’री बारि’श के ल’गातार और खरा’ब मौ’सम के बीच अ’स्पता’ल से कुछ दो किलो’मीटर पर सैला’नी नदी रुड़’की के श्म’सान’ घा’ट’ पर कई

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घण्टे मे’हनत कर श’व का पं’डित जी के साथ अन्ति’म’ सँ’स्का’र भी किया गया है। आ’पको बता दे कि इस तरह के मा’मले भी को’रो’ना का’ल में का’फी ज्यादा देख’ने को भी मिले थे। जिसमें इं’सा’नि’यत उ’भर कर सामने भी आई थी।

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