जायरा वसीम का नाम तो आप लोगो ने सुना ही होगा । जी हां, वही जायरा वसीम जिन्होंने सबसे कम उम्र में सबसे कम फ़िल्म की और उनकी सभी फिल्में सुपर हिट भी रही । जायरा बहुत खुशनसीब रही कि उनको बॉलीवुड में मिस्टर पेरफेक्टिन लिस्ट आमिर खान के साथ 2 फ़िल्म में काम करने का मौका मिला और ये दोनों फिल्में दर्शकों को लंबे समय तक याद रहेगी । क्या आप ये जानते है कि उन्होंने हिंदी सिनेमा को अलविदा कहने के बाद में उनकी आखिरी फ़िल्म ‘The sky is the Pink’ ।
क्या जायरा ने इस फिल्म की सच्चाई मानकर तो फिल्मों को अलविदा नहीं कह दिया ? ये आपके लिए एक सवाल हो सकता है लेकिन आप जब इस फिल्म को देखेंगे या इसकी असल कहानी जानेगे तो आपको यही लगेगा की जायरा का फ़िल्मी दुनिया से जाने की वजह यही फिल्म रही होगी। क्युकि उन्होंने अचानक जिस तरह फ़िल्मी दुनिया से अलविदा कहा उससे एक दम सब ह’क्के ब’क्के रह गए थे।

आपको बता दे, जायरा वसीम कश्मीरी मूल की एक पूर्व भारतीय अभिनेत्री है। इन्होंने बहुत ही जल्द सिनेमा को अलविदा कह दिया। इनके इस फैसले से इनके ऊपर बहुत ही बहस सोशल मीडिया पर हुई थी। इन्होंने इनके छोटे से सफर में सबका दिल जीत लिया था। इनको 2 पुरुस्कार से भी नवाजा गया है। उनकी आखिरी फ़िल्म की सोशल मीडिया पर खूब तारीफ हो रही हैं।
इस फ़िल्म की कहानी एक रियल लाइफ करैक्टर पर आधारित हैं। यह फ़िल्म मोटिवेशनल स्पीकर आयशा चौधरी के जीवन पर आधारित हैं। इसमें आयशा का किरदार जाहिरा वसीम ने निभाया है। वही उनके माता पिता का किरदार प्रियंका चोपड़ा और फरहान अख्तर ने किया है। आयशा को 18 साल की उम्र में पल्मोनरी फाइब्रेसिस नाम की लाइ’ला’ज बी’मारी हो गई थीं। फिर भी वो मोटिवेशनल स्पीकर बनी।

इतनी कम उम्र में उन्होंने TEDx और INK जेसे बड़े स्टेज पर स्पीच दी। आयशा ने अपनी जिंदगी को इतनी करीबी से देखा कि वो लोगो को मोटिवेट करने के लिए स्पीच देती थी। बाद में आयशा की मौ’त हो गई। इनकी किताब ‘My Little apiphanies’ आज भी लोगो को प्रेरित करती है। इनकी ये किताब 23 जनवरी 2015 को प्रकाशित हुई। 24 जनवरी को आयशा ने इस दुनिया को अ’ल’वि’दा कह दिया।
दिया मिर्जा ने आज आयशा का एक वीडियो ट्विटर एकाउंट पर शेयर किया कि मैं आज उस बुद्धि मान लड़की को बहुत ही ज्यादा मिस कर रही हूं। जिसने अपनी 17 साल की उम्र में बहुत कुछ बता दिया था। दिया, ने कहा था कि उनकी द स्काई ईज पिंक मूवी रिलीज हुई है। ये वीडियो जब का है जब आयशा अपनी बीमारी का मुकाबला प्रसन्न्ता के साथ कर रही थी।